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(अपडेट) संसद में हंगामे के बीच विधेयक पारित, विपक्ष ने बताया लोकतंत्र से धोखा, सत्तापक्ष बोला- सदन को बंधक नहीं बनाएं

जगत प्रकाश नड्डा राज्यसभा में बात रखते हुए

नई दिल्ली, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार को भी कई बार बाधित हुई। सरकार हंगामे के बीच आवश्यक विधायी कार्यों को पूरा कराने में लगी है। राज्यसभा ने आज हंगामे के बीच मणिपुर से जुड़े बजटीय विधेयकों को संक्षिप्त चर्चा के बाद लौटा दिया। दूसरी ओर लोकसभा में सरकार ने कराधान से जुड़े विधेयक विचार के लिए पेश किए। इसके अलावा खेलों से जुड़े विधेयकों को चर्चा के बाद लोकसभा ने पारित कर दिया।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आज हंगामे के बीच विधेयक पारित कराये जाने पर सवाल खड़े किए। उन्होंने इसे लोकतंत्र के साथ बहुत बड़ा धोखा करार दिया। दूसरी ओर सदन के नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि सदन को बंधक नहीं बनाया जा सकता। उन्हें आश्चर्य है कि कार्यमंत्रणा समिति में चर्चा के बाद भी विधेयकों को पारित किए जाने के दौरान विपक्ष हंगामा कर रहा है। विपक्ष सालभर से मणिपुर पर चर्चा की मांग कर रहा है और अब चर्चा की बजाय हंगामा कर रहा है।

लोकसभा में आज सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरु होने पर विपक्ष के हंगामे के चलते कार्यवाही करीब 15 मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित हो गयी। दोपहर दो बजे दोबारा सदन शुरु होने पर विपक्ष का हंगामा जारी रहा और इसी बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कराधान अधिननियम (संशोधन) विधेयक, 2025 और आयकर विधेयक (न.2) लोकसभा में विचार के लिए रखे। इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2025 विचार के लिए पेश किया।

खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने खेलों से जुड़े दो विधेयक लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किए। संक्षिप्त चर्चा के बाद दोनों विधेयकों को पारित कर दिया गया। दोनों विधेयक राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक, 2025 सरकार के ओलंपिक खेलों के आयोजन और खेल क्षेत्र के विकास के उद्देश्य से लाए गए हैं। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 04 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

लोकसभा चार बजे दोबारा शुरु हुई और वित्त मंत्री ने कर से जुड़े दोनों विधेयकों को चर्चा एवं पारित कराए जाने के लिए पेश किया। दोनों विधेयक हंगामें के बीच बिना चर्चा के पारित कर दिए गए। महासचिव ने सदन को सूचित किया कि मणिपुर के बजट के संबंध में राज्यसभा से कोई सिफारिश प्राप्त नहीं हुई है। इसके बाद पीठासीन अधिकारी साधना राय ने कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।

दूसरी ओर राज्यसभा में सुबह कार्यवाही शुरू होने के कुछ दी देर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। राज्यसभा में मणिपुर के बजट से जुड़े विधेयक संक्षिप्त चर्चा के बाद लोकसभा को लौटा दिए गए। इसके बाद मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2025 केन्द्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने पेश किया। विधेयक को पेश करने के दौरान खरगे और नड्डा ने अपनी बात रखी। हालांकि हंगामा जारी रहा और कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की गई। सदन के दोबारा शुरु होने पर विधेयक को पारित कर दिया गया। इसके बाद केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गोवा राज्य विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2025 पेश किया। इसे हंगामें के बीच विपक्ष की अनुपस्थिति में चर्चा के बाद पारित कर दिया गया।

इस दौरान महाष्ट्र के भाजपा सदस्य डॉ माधवराव गोपछड़े ने विशेष उल्लेख के तहत मोबाइल के अधिक उपयोग का मुद्दा उठाया और इसके प्रभाव पर अपनी बात रखी। उन्होंने माता-पिता से बच्चों के डिजिटल समय को घटाने का अनुरोध किया। मणिपुर से भाजपा सदस्य महाराजा संजाओबा लेशंबा ने अवैध प्रवासियों की समस्या का उल्लेख करते हुए स्थानीय मणिपुरी लोगों के अधिकारों के रक्षा का अह्वान किया। उन्होंने सेंसस का हवाला देते हुए मणिपुर के विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ती आबादी का उल्लेख किया। उन्होंने केन्द्र सरकार से जनसंख्या और परिसीमन की प्रक्रिया से पहले अवैध विदेशियों की पहचान करने और उन्हें डिपोर्ट करने का अनुरोध किया। इसके अलावा अन्य सदस्यों ने भी विशेष उल्लेख किया। इसके बाद पीठासीन अधिकारी घनश्याम तिवाड़ी ने सदन की कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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