Jammu & Kashmir

मुख्यमंत्री ने डेयरी अवसंरचना योजना की समीक्षा की, जम्मू-कश्मीर की अपार डेयरी संभावनाओं पर जोर दिया

मुख्यमंत्री ने असुरक्षित खाद्य पदार्थों का भंडारण या बिक्री करने वालों के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई के दिए निर्देश

श्रीनगर 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर डेयरी प्रसंस्करण अवसंरचना विकास योजना पर एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। यह 1,433 करोड़ रु.की एक पहल है जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के डेयरी क्षेत्र को एक मजबूत, संगठित और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी उद्योग में बदलना है।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में डेयरी की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने अगले सात वर्षों में संगठित दूध प्रसंस्करण को वर्तमान 4 प्रतिषत से बढ़ाकर कम से कम 20 प्रतिषत करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया, ताकि 5 लाख से अधिक डेयरी किसानों के लिए बेहतर मूल्य, नियमित भुगतान और बाजार पहुँच सुनिश्चित हो सके।

कृषि उत्पादन विभाग के प्रमुख सचिव शैलेंद्र कुमार ने नोडल एजेंसी के रूप में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा कार्यान्वित इस योजना पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

इस योजना में श्रीनगर और जम्मू को छोड़कर 18 जिलों में 10 स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्रों की स्थापना, दूध संग्रहण और शीतलन क्षमता को 10 एलएलपीडी तक बढ़ाना, 100 दूध परीक्षण प्रयोगशालाओं का निर्माण और 10,000 किसान-स्वामित्व वाली डेयरी सामूहिक समितियों का गठन शामिल है।

उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्तों को प्रत्येक प्रस्तावित प्रसंस्करण संयंत्र के लिए 40-50 कनाल भूमि की तुरंत पहचान करने और उसे हस्तांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने परियोजना स्थलों तक सड़क संपर्क, बिजली और पानी की समय पर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए घनिष्ठ अंतर-विभागीय समन्वय का आह्वान किया। उन्होंने एनडीडीबी और पशुपालन विभाग को जमीनी स्तर पर उत्पादकता बढ़ाने के लिए लिंग-आधारित वीर्य उत्पादन और चारा विकास पर समझौतों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नाबार्ड से धनराशि शीघ्र जारी करने और सख्त वित्तीय निगरानी सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी विभागों को परियोजना निष्पादन के लिए निर्धारित समय-सीमा का पालन करना चाहिए और राज्य स्तर पर तिमाही प्रगति समीक्षा करनी चाहिए।

योजना के अनुमानित प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे सहकारी समितियों का कारोबार काफी बढ़ेगा, हजारों ग्रामीण और कुशल रोजगार सृजित होंगे और स्वच्छ, निर्यात-तैयार दूध की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

यह पहल सिर्फ एक क्षेत्रीय उन्नयन से कहीं बढ़कर है, यह ग्रामीण जम्मू-कश्मीर के लिए एक आर्थिक परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि हमारे डेयरी क्षेत्र में ग्रामीण समृद्धि का आधार और निर्यात उत्कृष्टता का वाहक बनने की क्षमता है और उन्होंने सभी हितधारकों से तत्परता और सटीकता से काम करने का आग्रह किया।

बैठक में कृषि उत्पादन विभाग के मंत्री जाविद अहमद डार, मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी, अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरज गुप्ता, प्रमुख सचिव कृषि विभाग, प्रमुख सचिव वित्त, स्कॉस्ट जम्मू के उपकुलपति, पशुपालन निदेशक, और नाबार्ड, एनडीडीबी, एसएएंडपी समूह के प्रतिनिधि और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए।

(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह

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