चंडीगढ़, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । चौतरफा विवादों में घिरी लैंड पूलिंग पॉलिसी को पंजाब सरकार ने वापस ले लिया है। सोमवार की शाम पंजाब सरकार के हाउसिंग और अर्बन डेवलपमेंट विभाग के प्रधान सचिव ने एक पत्र जारी करके यह जानकारी दी। पत्र में कहा गया कि 14 मई 2025 को लाई गई पंजाब लैंड पॉलिसी और इससे जुड़े अमेंडमेंट्स को वापस लिया जा रहा है।
पत्र में कहा गया है कि इस पॉलिसी के तहत जारी लेटर ऑफ इंटेंट, रजिस्ट्रेशन और किसी तरह के अन्य कार्य वापस लिए जाते हैं। पंजाब के किसान संगठन शिरोमणि अकाली दल तथा भारतीय जनता पार्टी लगातार इस पॉलिसी का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि इस पॉलिसी के जरिए सरकार उनकी जमीन को हड़पना चाहती थी। अकाली दल ने अब 1 सितंबर से मोहाली में पक्का मोर्चा लगाने का ऐलान किया हुआ है। पॉलिसी के तहत अर्बन एस्टेट मोहाली, रूपनगर, राजपुरा, फतेहगढ़ साहिब, समराला, जगराओं, पटियाला, संगरूर, बरनाला, बठिंडा, मानसा, मोगा, फिरोजपुर, नवांशहर, जालंधर, होशियारपुर, सुल्तानपुर लोधी, कपूरथला, फगवाड़ा, नकोदर, अमृतसर, गुरदासपुर, बटाला, तरनतारन और पठानकोट में जमीन अधिग्रहित की जानी थी।
पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने कुछ दिन पहले इस मामले में 4 हफ्ते की रोक लगा दी थी। अब 10 सितंबर को उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई होगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान के पंजाब दौरे के दौरान भी लोगों ने उनसे यह पॉलिसी वापस लेने को कहा था। इस दौरान मोहाली में आम आदमी पार्टी के विकास भवन स्थित आवास को घेरने की योजना थी, जबकि बीजेपी की तरफ से 17 अगस्त से जमीन बचाओ, किसान बचाओ यात्रा निकालने का ऐलान किया गया था। यह यात्रा पूरे 23 जिलों में जानी थी। इससे पहले ही पंजाब सरकार ने फैसला वापस ले लिया।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
