
चिरांग (असम), 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । ऑल असम माइनारिटी स्टूडेंट्स यूनियन (आम्सू) के लगातार जारी प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने स्पष्ट कहा कि ऐसे विरोध प्रदर्शनों का नतीजा और अधिक बेदखली अभियानों के रूप में सामने आएगा।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है। उन्होंने कहा, “चूंकि आम्सू ने पहले ही यह मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय में उठा दिया है, यह न्यायिक समीक्षा के अंतर्गत है और मैं इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता।”
सोमवार को बोड़ोलैंड काजलगांव में भाजपा की ‘विजय संकल्प सभा’ को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने विपक्ष के तीखे हमलों का करारा जवाब दिया। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई के भाजपा पर “वोट चोरी” के आरोप को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि जनता इस तरह की बयानबाजी से सहमत नहीं है। उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि 40 लाख महिलाओं को ‘अरुणोदय’ योजना का लाभ, दो लाख युवाओं को रोजगार और चार लाख स्कूली बालिकाओं को साइकिलें प्रदान की गई हैं। उन्होंने कहा, “मतदाता विकास पर केंद्रित चुनाव अभियान चाहते हैं, न कि बेवजह की कीचड़ उछाल।”
एजेपी अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि वह ‘मियां’ मुस्लिम समुदाय को अलग से निशाना बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने चुनौती दी, “अगर उन्हें अपनी बात पर इतना भरोसा है तो वह खुले तौर पर बताएं कि उनके विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने लोग रहते हैं।”
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
