
शिमला, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश ने अपने चिकित्सा इतिहास में नया अध्याय लिखते हुए पहली बार रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत कर दी है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को शिमला के चमियाना स्थित अटल चिकित्सा सुपर स्पेशियलिटी संस्थान में राज्य की पहली रोबोटिक सर्जरी सुविधा का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने इस अत्याधुनिक तकनीक से किए गए पहले ऑपरेशन को भी देखा और अस्पताल के कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अस्पताल के लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने 23 करोड़ रुपये की लागत से एक स्वचालित आंतरिक प्रयोगशाला और 11 करोड़ रुपये से एक छात्रावास बनाने की घोषणा की। साथ ही जल्द ही 3-टेस्ला एमआरआई मशीन लगाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि रोबोटिक सर्जरी अब आम लोगों को भी उपलब्ध होगी और जल्द ही आईजीएमसी शिमला, नेरचौक, टांडा और हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में भी यह सुविधा शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर रही है और पुरानी मशीनों को बदला जा रहा है। आईजीएमसी शिमला की 20 साल पुरानी एमआरआई मशीन भी बदली जाएगी। उन्होंने बताया कि 23 साल बाद तकनीशियन पाठ्यक्रमों में सीटें बढ़ाई गई हैं—आईजीएमसी शिमला में बीएससी मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग, एनेस्थीसिया और ओटी तकनीक में सीटें 10 से बढ़ाकर 50 कर दी गई हैं, जबकि टांडा मेडिकल कॉलेज में 18 से बढ़ाकर 50 सीटें की गई हैं।
उन्होंने कहा कि टांडा, नेरचौक, हमीरपुर, नाहन और चंबा मेडिकल कॉलेज में भी स्वचालित इन-हाउस लैब बनाई जाएगी। उन्होंने अटल संस्थान में राज्य की पहली पेपरलेस लैब का भी उद्घाटन किया, जिससे मरीजों को रिपोर्ट सीधे मोबाइल पर और डॉक्टरों को अपने सिस्टम पर मिलेगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने इसे स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम बताया। ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने रोबोटिक सर्जरी सुविधा देने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। संस्थान के प्राचार्य डॉ. बृज शर्मा ने बताया कि यहां देश की सबसे आधुनिक रोबोटिक मशीन लगाई गई है, जो एम्स दिल्ली के स्तर की है, और अगले छह माह में 400 सर्जरी का लक्ष्य रखा गया है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
