
शिमला, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में हवाई संपर्क को और सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार कदम उठा रही है। राज्यसभा में सोमवार को पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय में राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि प्रदेश में इस समय कांगड़ा (गग्गल), कुल्लू-मनाली (भूंतर) और शिमला ये तीन हवाई अड्डे पूरी तरह कार्यशील हैं और सभी को विजुअल फ्लाइट रूल्स (VFR) के तहत परिचालन का लाइसेंस प्राप्त है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से न्यूनतम दृश्यता मानदंड कम करने हेतु विशेष दृश्य उड़ान नियम (स्पेशल VFR) संचालन शुरू करने का कोई प्रस्ताव भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) को प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि, कुल्लू-मनाली हवाई अड्डे पर विशेष VFR संचालन की सुविधा के लिए एक कंट्रोल टावर और अप्रोच कंट्रोल यूनिट स्थापित की गई है, जिससे कम दृश्यता में भी उड़ान संचालन संभव हो सके।
शिमला हवाई अड्डे को लेकर मुरलीधर मोहोल ने कहा कि AAI द्वारा यहां एक अतिरिक्त एप्रन की व्यवहार्यता का आकलन किया जा रहा है, ताकि दो पार्किंग वे का एक साथ उपयोग कर बहु-उड़ान संचालन को बढ़ावा दिया जा सके।
उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय संपर्क योजना—‘उड़े देश का आम नागरिक’ (RCs उड़ान) के अंतर्गत हिमाचल के शिमला, कुल्लू, रामपुर (एच) और मंडी (एच) नामक चार हवाई अड्डों/हेलीपोर्टों को जोड़ने वाले 32 आरसीएस मार्ग पहले से कार्यशील हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि हाल ही में संशोधित उड़ान योजना की घोषणा की गई है, जिसके तहत हिमाचल सहित देश भर में 120 नए गंतव्यों को जोड़ा जाएगा और अगले 10 वर्षों में 4 करोड़ यात्रियों को सेवाएं प्रदान की जाएंगी। यह योजना विशेष रूप से पहाड़ी, आकांक्षी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में हेलिपैड और छोटे हवाई अड्डों को मजबूत करने में मदद करेगी।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
