
कोलकाता, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने उत्तर दिनाजपुर जिले में बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) के मनमाने तरीके से तबादले का आरोप लगाते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखा है। उन्होंने इसे राज्य सरकार की चुनाव सुधार प्रक्रिया में दखल और मतदाता सूची प्रबंधन में गड़बड़ी की कोशिश करार दिया है।
सोमवार को लिखे इस पत्र में अधिकारी का कहना है कि जिन बीएलओ को हटाया गया है, उन्होंने हाल ही में दिल्ली में चुनाव आयोग द्वारा आयोजित विशेष प्रशिक्षण लिया था। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य मतदाता सूची को सटीक और पारदर्शी रखने की उनकी क्षमता को बढ़ाना था। लेकिन राज्य सरकार ने बिना किसी ठोस कारण या उचित प्रक्रिया के उनकी नियुक्तियां रद्द कर दीं।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “यह चुनाव आयोग की सुधार पहल में जानबूझकर हस्तक्षेप जैसा लगता है, जो मतदाता सूची प्रबंधन में अनियमितताओं और आने वाले चुनावों को प्रभावित कर सकता है।”
बंगाल में अप्रैल–मई 2026 में 294 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। अधिकारी ने आयोग से तत्काल मामले का संज्ञान लेने, उत्तर दिनाजपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी (जिलाधिकारी), निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी और सहायक ईआरओ समेत प्रभावित जिलों के अधिकारियों से विस्तृत स्पष्टीकरण मांगने तथा कार्रवाई मनमानी पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कदम उठाने की मांग की है।
अधिकारी ने आरोप लगाया कि बीएलओ को हटाने की यह कार्रवाई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 28 जुलाई को बोलपुर, बीरभूम में एक प्रशासनिक बैठक और रैली में दिए गए भाषण के बाद तेज हुई। उनके अनुसार, मुख्यमंत्री ने दिल्ली में हुई चुनाव आयोग की बीएलओ ट्रेनिंग पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि यह उनके या मुख्य सचिव को बताए बिना आयोजित की गई। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को यह भी याद दिलाया था कि वे राज्य सरकार के कर्मचारी हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
