
अररिया, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) ।
फारबिसगंज तेरापंथ भवन में श्री जैन श्वेतांबर सभा की ओर से संचालित ज्ञानशाला में सोमवार को ज्ञानशाला दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत ज्ञानशाला के बच्चों के द्वारा अर्हम अर्हम वंदना फले गीतिका से हुई।मौके पर ज्ञानशाला में पढ़ाने वाली प्रशिक्षिकाओं एवं शिक्षिकाओं के द्वारा मंगलाचरण गीतिका का प्रस्तुतीकरण किया गया। तत्पश्चात ज्ञानशाला के बच्चों के द्वारा नाटक की प्रस्तुत की गई।
भिक्षु स्वामी की दृष्टांत को दिखाते हुए ज्ञानशाला के बच्चों के द्वारा रोचक प्रस्तुति दी गई। ज्ञानशाला के छोटे-छोटे बच्चों के गीतिका प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। प्रशिक्षिकाओं के द्वारा एक नाटक का मंचन किया गया, जिसमें यह दर्शाया गया कि ज्ञानशाला का हमारे जीवन में क्या महत्व है।
मौके पर ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका प्रभा सेठिया ने कहा कि ये बच्चे हमारी नन्ही-नन्ही पौध हैं।इन्हें संभालना एवं संवारना हमारे हाथों में है।इनकी सार संभाल ही हमारा कल का भविष्य निश्चित करती है। सभा के अध्यक्ष महेंद्र बैद ने कहा कि अभी जुड़ी हुई नई शिक्षिकाओं ने काफी मेहनत करके इस ज्ञानशाला को फिर से एक नया रूप दिया है,जिसका फल आज हम सभी को इस ज्ञानशाला में उपस्थित बच्चों को देखकर लग रहा है।
सभा के मंत्री मनोज भंसाली ने कहा कि तेरापंथ धर्म के एकाधिमशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण के आंखों की मणि ज्ञानशाला है। इस ज्ञानशाला को हम अगर गुरु निर्देश मानकर कार्य करें तो हमारा तेरापंथ धर्म संघ काफी ऊंचाइयों पर नजर आएगा।इसके अलावा ज्ञानार्थियों, प्रशिक्षिका एवं अभिभावकों के अनुभव में पलक बोरड़,सोनू पटावरी एवं नमिता नाहटा ने अपने अनुभवों को साझा किया।
वक्ताओं ने कहा कि ज्ञानशाला संस्कारों की शाला है,जो तेरापंथ धर्म संघ के नवमें आचार्य आचार्य श्री तुलसी द्वारा शुरू की गई थी।तेरापंथ धर्म संघ में ज्ञानशाला एक विशेष स्थान रखती है यह ज्ञानशाला बच्चों को आध्यात्मिक मानसिक, शारीरिक एवं भावनात्मक विकास की ओर लेकर जाती है ।जहां स्कूली शिक्षा बच्चों में बौद्धिक विकास करती है, वहीं ज्ञानशाला बच्चों में आध्यात्मिक विकास के साथ भावनात्मक एवं मानसिक मानसिक संतुलन भी बना के रखने में भी सहायक होती है।
मौके पर महेन्द्र बैद, मनोज भंसाली, आशीष गोलछा, पंकज नाहटा, विकास जैन, ज्ञानशाला की प्रशिक्षिका प्रभा सेठिया,सुधा बोथरा, रंजीता मरोठी, ज्ञानशाला प्रभारी कुसुम भंसाली और नीता गोलछा के साथ शिक्षिका के रूप में ममता डागा,सोनू पटावरी,महिला मंडल की उपाध्यक्ष समता बोथरा ,ललिता डागा ,निशा राखेचा,खुशबू बैद, विनीता बैंगानी ,सपना महनोत, नमिता नाहटा, रानी जैन भी मौजूद रही।
पूर्वांचल राज्य बिहार असम झारखंड के जैन विधा सह संयोजक अशोक मालू यात्रा करते खूटौना व निर्मली से होते हुए फारबिसगंज पहुंचे। उन्होंने इस कार्यक्रम में संस्कृति संकाय के सभी कार्यो की जानकारी देते हुए जैन विद्या परीक्षा में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की प्रेरणा दी। अंत में सभा के द्वारा सभी प्रशिक्षिकाओं और शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का सफल संयोजन ज्ञानशाला प्रभारी नीता गोलछा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रभा सेठिया ने किया।
(Udaipur Kiran) / राहुल कुमार ठाकुर
