HimachalPradesh

धूमधाम और आस्था के साथ संपन्न हुआ राजमाता बूढ़ी भरैवा का त्रैवार्षिक जाग एवं होम

राजमाता भूढ़ी भैरवा के होम के दौरान देवताओं के गूर।

मंडी, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । मंडी जनपद की राजमाता मानी जाने वाली बूढ़ी भैरवा का त्रैवार्षिक जाग एवं होम मंडी के पंडोह में उत्साह, हर्षोल्लास, धूमधाम और आस्था के साथ संपन्न हो गया। इस वार्षिक जाग एवं होम में उन सभी प्राचीन परंपराओं का बखूबी निर्वहन किया, जिन्हें पंडोह के लोग सदियों से निभाते आ रहे हैं। रात को भव्य जाग का आयोजन किया गया जिसमें लोगों ने रात भर मां की महिमा का गुणगान किया। उसके बाद 10 अगस्त को सुबह माता का होम शुरू हुआ। ढोल नगाड़ों की थाप के साथ जोगणी माता की करंडी और पराशर ऋषि के सरचिमटे के साथ पूरे क्षेत्र में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। राजमाता बूढ़ी भैरवा के पुजारी मनोहर शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस त्रैवार्षिक होम के दौरान क्षेत्र में विराजमान माता के 18 भैरवों की पूरे विधि विधान के साथ पूजा करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है ताकि माता और इनकी कृपा से क्षेत्र में खुशहाली बनी रहे। उन्होंने बताया कि होम में उन सभी प्राचीन परंपराओं का निर्वहन किया जाता है जो सदियों से निभाई जा रही हैं। माता और उसके सभी भैरवों की कृपा से आज दिन तक पंडोह और इसके आस पास के क्षेत्रों में खुशहाली कायम है। मनोहर शर्मा ने बताया कि प्राचीन काल में ऐसा भी होता था कि होम के दौरान एक घराट देव कमरूनाग की कृपा से खुद ही चलता था और उससे काले रंग का आटा निकलता था। उस आटे से भोग बनाया जाता था जिसे दरिया के किनारे बसे भैरव को अर्पित करने के साथ ही इस होम का समापन होता है। हालांकि अब यह घराट आदि तो नहीं चलते लेकिन इन परंपराओं को आज भी निभाया जा रहा है।

—————

(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

Most Popular

To Top