Madhya Pradesh

राहुल गांधी के बाद अब कमलनाथ ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर उठाए सवाल

 कमलनाथ

कहा- फैक्ट चेक के नाम पर भ्रम फैला रहा निर्वाचन आयोग

भोपाल, 9 अगस्त (Udaipur Kiran) । चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर राहुल गांधी द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एमपी में 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। इसकाे लेकर कमलनाथ ने शनिवार काे एक बयान जारी कर कहा है कि उनके द्वारा मतदाता सूची में की गई गड़बड़ को लेकर शिकायत किए जाने के बाद चुनाव आयोग के इन विसंगतियों को स्वीकार किया गया था और सूची से नाम हटाने या सुधार संबंधी कार्यवाही करने पर सहमति जताई थी।

कमलनाथ ने साेशल मीडिया एक्स पर पाेस्ट कर कहा कि भारतीय निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा में एक लाख से अधिक फर्जी वोटर होने के दावे के जवाब में कहा कि 2018 में कमलनाथ ने भी इलेक्शन कमीशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी थी। निर्वाचन आयोग ने फैक्ट चेक के नाम पर ट्वीट करके यह दावा किया और कई मीडिया संस्थानों ने आयोग के हवाले से लंबा बयान चलाया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने आयोग के इस तरह के फैक्ट चेक को पूरी तरह भ्रामक बताया। कमलनाथ ने ट्विटर पर जारी बयान में कहा की 2018 में जब कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश में फर्जी मतदाताओं की शिकायत की थी तो आयोग ने खुद अपनी तरफ से कार्रवाई करते हुए 24 लाख फर्जी वोटरों को मतदाता सूची से हटाया था। और आयोग ने जवाबी हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दायर करते हुए इस बात को स्वीकार किया था। 2018 में, मैंने मध्य प्रदेश की मतदाता सूचियों में भारी गड़बड़ी होने के संबंध में कुछ विशेष मुद्दे उठाए थे। इनमें शामिल थे:

1. जनसांख्यिकीय रूप से समान प्रविष्टियां होना, जहां एक ही व्यक्ति का नाम अलग-अलग विधानसभाओं या मतदान केंद्रों में दर्ज पाया गया था।

2. समान फ़ोटो वाली प्रविष्टियां, जहां एक ही व्यक्ति की तस्वीरें अलग-अलग स्थानों पर मौजूद थीं।

3. मतदाता सूचियों में फर्जी नाम, जिनका ज़मीनी स्तर पर पता नहीं चल रहा था।

4. मतदाता सूचियों में मृत या स्थानांतरित मतदाताओं का होना।

5. ऐसे मतदाताओं का होना, जिनकी फोटो पहचान में नहीं आ रही थी।

6. एक ही पते या अमान्य पतों पर असामान्य रूप से अधिक संख्या में मतदाताओं का होना।

कमलनाथ ने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने 9664 इंट्रा-एसी रिपीट प्रविष्टियां, 8278 इंटर-एसी रिपीट प्रविष्टियां और 2,37,234 संदिग्ध तस्वीरें होने की बात भी स्वीकार की थी और 24 लाख संदिग्ध मतदाताओं को हटाने का दावा किया था। हालांकि, चुनाव आयोग ने गोपनीयता संबंधी चिंताओं के कारण मतदाता सूचियों की मशीन-रीडेबल पीडीएफ़ उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया।

पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि राहुल गांधी के निष्कर्षों से मतदाता सूची के रखरखाव में गड़बड़ी का एक व्यवस्थित पैटर्न सामने आया है। 2018 में उठाए गए मुद्दे और गंभीर हो गए हैं और हेरफेर का एक नया स्तर दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट में अपने इस आश्वासन के बावजूद कि चुनाव आयोग इन विसंगतियों को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा, चुनाव आयोग अपने हलफनामे से पीछे हटता जा रहा है और मतदाता सूची में जानबूझकर हेराफेरी किए जाने से इनकार कर रहा है।

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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे

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