
लखनऊ, 8 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय ‘एबीसीडी’ की जंग सुर्खियों में है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा हाल ही में दिए गए बयान के बाद सियासत और भी गर्मा गई है। अखिलेश ने जब सत्ताधारी भाजपा सरकार को ‘एबीसीडी’ के जरिए घेरा, तो प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने उसी एबीसीडी से पलटवार करते हुए सपा के शासनकाल को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर समाजवादी पार्टी को वाकई एबीसीडी आती होती, तो आज उनकी पार्टी सत्ता से बाहर न होती।
सपा ने प्रदेश के हालात को बिगाड़ के रख दिया था
राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने सत्ता में रहते हुए जिस ‘एबीसीडी’ को अपनाया, उसी ने प्रदेश की हालत बिगाड़ दी। उन्होंने पूरे अंग्रेजी वर्णमाला को लेकर सपा शासन पर तीखे आरोप लगाए। उनके मुताबिक ‘A’ से अराजकता, ‘B’ से भ्रष्टाचार, ‘C’ से चोर और ‘D’ से दलाली] यही सपा शासन की असल पहचान थी। उन्होंने कहा कि इस पार्टी ने शासन में स्थायित्व नहीं दिया, भ्रष्टाचार को संस्थागत बना दिया, अपराधियों को संरक्षण दिया और हर निर्णय में सिफारिश व दलाली को प्राथमिकता दी। उन्होंने ‘Y’ से ‘यादववाद’ और ‘Z’ से ‘जीरो बदलाव’ तक पूरा वर्णन करते हुए सपा की नीतियों को जातिवादी, भाई-भतीजावादी और अव्यवस्थित करार दिया।
भर्ती घोटालों के लिए कुख्यात थे स्कूल
ओम प्रकाश राजभर ने खासतौर से सपा शासन में शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब अखिलेश यादव सत्ता में थे, तब सरकारी स्कूल बच्चों की पढ़ाई के लिए नहीं, बल्कि नकल माफिया और भर्ती घोटालों के लिए कुख्यात थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा के पांच साल के शासन में एक भी ऐसा स्कूल नहीं बना, जिसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए आदर्श कहा जा सके। टूटी हुई दीवारें, गिरती हुई छतें, गंदे टॉयलेट और घटती बच्चों की संख्या, यही उस समय की शिक्षा व्यवस्था का असली चेहरा था।
सपा के शासनकाल में शिक्षा व्यवस्था नकल माफिया के चंगुल में फंसी हुई थी
राजभर ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सपा के शासनकाल में शिक्षा व्यवस्था जातिवाद, तुष्टीकरण और नकल माफिया के चंगुल में फंसी हुई थी। वहीं भाजपा सरकार में ईमानदारी, पारदर्शिता और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “सपा राज में शिक्षा के मंदिर ढहे, भाजपा राज में ज्ञान के दीप जले। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने स्कूल बंद कराए, हमने बच्चों के लिए नए स्कूल बनाए। उन्होंने 3.45 करोड़ बच्चों को स्कूल से दूर किया, हमने उन्हें किताब और क्लास से जोड़ा।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
