
जयपुर, 8 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर में नए कोर्ट कॉम्प्लेक्स से जुडे मामले में राज्य सरकार को कहा है कि वह चिन्हित की गई जगह के पट्टे जारी करे। वहीं वर्तमान में कोर्ट भवन के आसपास खाली पडी जमीन के विकल्प को भी देखें। अदालत ने महाधिवक्ता से पूछा है कि क्या महानगर द्वितीय कोर्ट की तरह महानगर प्रथम की बिल्डिंग को भी बहुमंजिला बनाया जा सकता है। अदालत ने महाधिवक्ता को इसके लिए छह सप्ताह का समय दिया है। जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा व संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने यह आदेश दीनदयाल खंडेलवाल व अन्य की जनहित याचिका पर दिए।
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने अदालत को नए कोर्ट कॉम्प्लेक्स के लिए दो लोकेशन को चिन्हित करने की जानकारी दी। इस पर खंडपीठ ने कहा कि बनीपार्क स्थित मौजूदा कोर्ट परिसर को ही बहुमंजिला क्यों नहीं बनाया जा सकता। वहीं इसके बेसमेंट में वाहनों की पार्किंग बनाने पर भी विचार किया जा सकता है। खंडपीठ के प्रश्न के जवाब में एजी ने कहा कि इस बारे में चीफ टाउन प्लानर, तकनीकी विशेषज्ञों व अन्य अथॉरिटी से डिटेल रिपोर्ट मंगानी पड़ेगी और उसके बाद ही इस बारे में विचार किया जा सकता है। इस पर खंडपीठ ने एजी को छह सप्ताह का समय देते हुए जयपुर मेट्रो-एक का बहुमंजिला भवन बनाए जाने के संबंध में तकनीकी जानकारी देने के लिए कहा है। गौरतलब है कि जेडीए ने 16 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट में कहा था कि उन्होंने आदेश की पालना में नए कोर्ट कॉम्प्लेक्स के लिए सीकर रोड पर गांव नींदड में 90 मीटर चौडी रोड पर 100 बीघा और अजमेर रोड पर रिंग रोड के पास गांव पीपला भगतसिंह में खसरा संख्या 233 व 235 की पूरी जमीन को रिजर्व कर लिया है। जनहित याचिका में कहा गया है कि बनीपार्क कोर्ट परिसर में जगह की कमी है और वाहनों को पार्क करने के लिए भी जगह नहीं है। यहां पर आधारभूत सुविधाएं भी नहीं हैं, जिससे न्यायिक अफसरों, वकीलों व पक्षकारों को भी परेशानी का सामना करना पडता है। इसलिए भविष्य के लिए कोर्ट परिसर को किसी अन्य जगह पर शिफ्ट करने की जरूरत है।
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(Udaipur Kiran)
