

जयपुर, 8 अगस्त (Udaipur Kiran) । शहर से निकलने वाला कचरा निगम का खजाना भरने लगा है। लांगडियावास स्थित वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट में 1000 मीट्रिक टन कचरे से 12 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इससे ग्रेटर व हेरिटेज निगम के खजाने में प्रतिमाह 20 लाख रुपए का राजस्व आ रहा है।
निगम प्लांट की क्षमता को 1700 मीट्रिक टन कचरे प्रतिदिन तक बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में कचरे से बिजली बनाने का काम मार्च में शुरू किया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह प्लांट सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर आधारित है और जिंदल अर्बन वेस्ट मैनेजमेंट जयपुर लिमिटेड द्वारा संचालित है। इस प्लांट से निगम को भी 2.5 करोड़ की आय हो रही है।
हेरिटेज और ग्रेटर निगम को महीने भर में करीब 20 लाख रुपए का राजस्व की प्राप्ति हो रही है। कम्पनी द्वारा निगमों को 66.3 रुपए प्रति टन कचरे के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। इस आधार पर ग्रेटर निगम के खजाने में प्रति माह 1113840 और हेरिटेज निगम को 875160 रुपए आ रहे है। 1000 टन कचरे में से 560 टन कचरा ग्रेटर और 440 टन कचरा हेरिटेज निगम द्वारा लांगडियावास प्लांट में पहुंचाया जा रहा है। बता दें कि हैरिटेज नगर निगम इस प्लांट के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए निगम ने वर्ष 2021 में जमीन दी थी। जुलाई 2022 में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से परमिशन मिली।
पिछले साल जुलाई तक इसका काम पूरा होना था, लेकिन इस साल जनवरी में काम पूरा हुआ। कचरा निस्तारण के लिए एमआरएफ प्लांट लांगडियावास में कचरा निस्तारण के लिए एमआरएफ प्लांट का काम लगभग पूरा होने को है। इसकी कुल धमता 300 टन प्रतिदिन होगी। एक प्लांट 350 टन कचरे को नियमित निस्तारित भी कर रहा है। यहां कचरे के छंटनी के बाद ईधन के रूप में सीमेंट फैक्ट्री में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं, सीएंडडी वेस्ट प्लांट का काम भी शुरू हो गया है, जहां 200 टन क्षमता के प्लांट में बिल्डिंग कंस्ट्रक्सन मेटेरियल का निस्तारण किया जा रहा है। इसे रिसाइकल कर ईटें, बजरी, निहीं, टाइल्स और ब्लॉक बनाए जा रहे है। वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट से निकलने वाले पानी को भी साफ कर पेड़-पौधों में सिंचाई के लिए उपयोग में लिया जा रहा है। इस मल्टीपरपज प्रोजेक्ट से बिजली और पानी मिलने के साथ आमदनी भी हो रही है।
हेरिटेज निगम के प्रोजेक्ट एक्सईएन मुकेश कुमार का कहना है कि लांगडियावास प्लांट में 1000 टन कचरे से 12 मेगावॉट बिजली बनाई जा रही है। इसमें ग्रेटर निगम से 560 और हेरिटेज से 440 टन कचरा रोजाना पहुंच रहा है। उसी आधार पर दोनों को राजस्व मिलता है। कम्पनी द्वारा कचरे का 66.3 रुपए प्रतिटन के हिसाब से निगम को भुगतान किया जाता है।
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(Udaipur Kiran) / राजेश
