
राजगढ़, 8 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के राजगढ़ पदस्थ मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी नीलिमा देवदत्त की कोर्ट ने शुक्रवार को टोपीदार बंदूक व बारुद रखने के मामले में दो आरोपितों को तीन-तीन साल का सश्रम कारावास व कुल एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से संयुक्त पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी रविन्द्र पनिका एवं प्रवीणप्रताप सिंह ने की।
जानकारी के अनुसार 16 जुलाई 2018 को माचलपुर पदस्थ उपनिरीक्षक देशराजसिंह ने मुखबिर की सूचना पर भगोरा रोड़ से रमेश पुत्र रतिराम कुशवाह को पकड़ा, जो अवैध रुप से टोपीदार भरमार बंदूक और डिब्बी में बारुद सहित छर्रे लेकर खड़ा था। पूछताछ पर बैध लाइसेंस नही होना पाया गया। विवेचना के दौरान रामरतन के द्वारा भी अपराध कारित करना संज्ञान में आया,मामले में उसे भी अभिरक्षा में लिया गया। पूछताछ में ज्ञात हुआ कि लाइसेेंस रामरतन का था,जिसने लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करते हुए रमेश को टोपीदार बंदूक के लिए दिया था। पुलिस ने मामले में दोनों के खिलाफ धारा 25, 27 आम्र्स एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया। विचारण के दौरान न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त रमेश पुत्र रतिराम कुशवाह, रामरतन पुत्र बालाराम भील को तीन-तीन साल का सश्रम कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
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(Udaipur Kiran) / मनोज पाठक
