
कोलकाता, 08 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन को लेकर राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस इस प्रक्रिया का विरोध करते हुए इसे एनआरसी लागू करने की “छुपी साज़िश” बता रही है। पार्टी का आरोप है कि एसआईआर के बहाने असली वोटरों के नाम काटकर फर्जी नाम जोड़े जा सकते हैं और भाजपा अपना वोट बैंक बढ़ा सकता है ।
लेकिन शुक्रवार को राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने एसआईआर का खुला समर्थन कर माहौल और गरमा दिया। उन्होंने कहा है कि विशेष गहन संशोधन चुनाव आयोग का नियमित कार्य है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर व्यक्ति निष्पक्ष और व्यवस्थित तरीके से मतदान कर सके।
राज्यपाल ने आगे कहा है कि इस विषय पर अलग राय होना स्वाभाविक है, लेकिन सहमति और पारदर्शिता जरूरी है। मतदाता सूची को दुरुस्त रखना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। उनके इस बयान को राजनीतिक गलियारों में तृणमूल कांग्रेस की आपत्ति को सीधे-सीधे विरोध के रूप में देखा जा रहा है।
राजभवन में बंगाल और बंगालियों से जुड़े मुद्दों पर भी राज्यपाल ने अपनी बात रखी। भाजपा नेता अमित मालवीय के बांग्ला भाषा को लेकर विवादित पोस्ट पर टिप्पणी करने से बचते हुए उन्होंने राज्य गीत बंगाल की मिट्टी, बंगाल का जल गाना गाया और कहा है कि यह ऐसा विषय है जिस पर राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उम्मीद है, इसका न्याय होगा।
राज्यपाल के इस रुख से आने वाले दिनों में एसआईआर को लेकर सत्तारूढ़ और विपक्षी खेमे के बीच टकराव और गहराने की संभावना है।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
