Uttar Pradesh

जनपद की लगभग 38 लाख लक्षित जनसंख्या को खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा

जनपद की लगभग 38 लाख लक्षित जनसंख्या को खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा
जनपद की लगभग 38 लाख लक्षित जनसंख्या को खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा
जनपद की लगभग 38 लाख लक्षित जनसंख्या को खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा
जनपद की लगभग 38 लाख लक्षित जनसंख्या को खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा

10 से 28 अगस्त तक जनपद के 15 ब्लॉक और शहरी क्षेत्र में चलेगा आईडीए अभियान

हरदोई,08 अगस्त (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद के 15 ब्लॉक और शहरी क्षेत्र में सर्वजन दवा सेवन (आई डी ए) अभियान चलेगा । आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराएंगी । इसी क्रम में शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सी फॉर)के सहयोग से मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित हुई । पत्रकारों को संबोधित करते हुए उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेन्द्र कुमार ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन प्राथमिकता में है । इसे जनांदोलन बनाएं जिससे कि शत प्रतिशत लक्षित जनसंख्या दवा का सेवन करे और जनपद फाइलेरिया मुक्त हो सके । इस अभियान का प्रचार प्रसार करें और दवा को लेकर जो भ्रांतियां हैं उन्हें दूर करें । प्रचार करें कि दवा आशा कार्यकर्ता के सामने खानी है बाद में खाने के लिए नहीं देनी है और खाली पेट नहीं खानी है ।

राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल डॉ. सुरेंद्र कुमार ने बताया कि फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है और मच्छर के काटने से होती है । इस बीमारी से दवा खाकर बचा जा सकता है। इसलिए साल में एक बार आईडीए अभियान चलाया जाता है। आई डी ए के तहत लगातार तीन साल में एक बार दवा खाकर बीमारी से बचाव संभव है । इस बीमारी के लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने के पांच से 15 साल बाद दिखाई देते हैं तब तक संक्रमित व्यक्ति जाने अनजाने संक्रमण फैलाता है । दवा एक साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को खानी है । दवा सेवन के बाद यदि सिर में दर्द, उल्टी या चक्कर आते हैं तो यह परेशानी की बात नहीं है बल्कि यह शुभ संकेत हैं कि शरीर में माइक्रो फाइलेरिया थे और दवा सेवन के बाद उनके खत्म होने के कारण यह लक्षण दिखाई दिए । यह कुछ समय बाद ठीक हो जाते हैं । यदि ज्यादा दिक्कत होती है तो जनपद में रैपिड रिस्पॉन्स टीम बनाई गई है आशा कार्यकर्ता के माध्यम से उससे संपर्क कर सकते हैं ।

अभियान के तहत एल्बेंडाजोल, डाईइथाइल कार्बामजिन और आइवरमेक्टिन खिलाई जाएगी । यदि किसी कारणवश दवा का सेवन नहीं कर पाते हैं तो आशा कार्यकर्ता के घर जाकर दवा ले सकते हैं । आशा के घर पर दवा का डिपो बनाया गया है। एक से दो साल के बच्चों को दवा पीसकर खिलानी है। बाकी अन्य को दवा भी पीसकर या चबाकर खानी है। आइवरमेक्टिन लंबाई के अनुसार खिलाई जाएगी । सहयोगी संस्थाओं की भूमिका इस अभियान में तकनीकी सहयोग में पाथ और सामुदायिक जागरूकता के लिए पीसीआई व सीफार संस्थाएं सहयोग कर रहीं हैं इसके अलावा समुदाय में स्तर पर पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफार्म(पी एस पी) -सीएचओ के नेतृत्व में जनजागरूकता फैला रहें हैं। जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों, ग्राम प्रधानों, कोटेदारों जैसे स्थानीय हितधारक भी जुड़े हुए हैं। जिला मलेरिया अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि शहरी क्षेत्र और 15 ब्लॉक में अभियान चलेगा ।

(Udaipur Kiran) / अंबरीश कुमार सक्सेना

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