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बिजली विभाग में बायोमेट्रिक उपस्थिति का मामला

इलाहाबाद हाईकाेर्ट

–काम करने का सबूत देने पर जून माह का रुका वेतन जारी करने का निर्देश

प्रयागराज, 08 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बीते जून महीने का वेतन रोकने के खिलाफ पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कर्मचारियों की याचिका शिकायत स्पष्ट न होने के कारण निस्तारित कर दी है।

कोर्ट ने कहा याचीगण सम्बंधित विभागीय अधिकारी से सम्पर्क कर जून 2025 माह में काम करने का सबूत दे। अधिकारी सत्यापित करने के बाद यदि पाएं कि काम किया है तो जून माह का रूका वेतन जारी करें। कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि इस आदेश का यह मतलब नहीं है कि याचियों को बायोमेट्रिक उपस्थिति से छूट दे दी गई है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने सत्य नारायण उपाध्याय व नौ अन्य की याचिका पर दिया है। यह याचिका उन कर्मचारियों ने की थी जिनका जून का वेतन रोक दिया गया था क्योंकि उन्होंने उर्जा जनशक्ति ऐप के माध्यम से बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं की थी। कोर्ट ने कहा कि कर्मचारी यह साबित कर सकते हैं कि उन्होंने जून में काम किया है, तो उनका रोका गया वेतन निर्गत कर दिया जाए।

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आदेश कर्मचारियों को ऐप के माध्यम से बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने से छूट नहीं देता है। कोर्ट ने कहा कि याचियों की ओर से यह नहीं बताया गया कि ऐप पर जून के लिए उपस्थिति दर्ज नहीं की है और उन्होंने बताया कि इंटरनेट की समस्या हो सकती है क्योंकि याची आमतौर पर क्षेत्र में काम करते हैं। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के वकील ने बताया कि यह प्रणाली 23 सितम्बर 2024 की अधिसूचना से लागू की गई थी, जो चुनौती के अधीन नहीं है। याचियों की शिकायत के सम्बंध में निगम के वकील ने बताया कि याचियों में से किसी ने भी यह नहीं बताया कि इंटरनेट की समस्या थी।

कोर्ट ने कहा कि याचियों की शिकायत अस्पष्ट होने के कारण यह अस्थिर है क्योंकि उन्होंने कभी भी जून 2025 के दौरान विभाग से सम्पर्क नहीं किया कि इंटरनेट की समस्या के कारण वे बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाए थे। ऐसे में यदि याचियों के साथ इंटरनेट कनेक्शन की समस्या है, तो वे व्यक्तिगत रूप से विभाग से सम्पर्क कर सकते हैं या यह प्रमाण प्रस्तुत कर सकते हैं कि उन्होंने जून में सम्बंधित पावर स्टेशन में ड्यूटी की थी, जो वरिष्ठ अधिकारी द्वारा सत्यापित की गई हो।

कोर्ट ने कहा कि याची यदि यह दिखा पाते हैं कि उन्होंने जून में काम किया है तो उनका वेतन यदि रोका गया है, तो जारी किया जाएगा। यह भी कहा कि यह आदेश कर्मचारियों को ऐप के माध्यम से बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने से छूट नहीं देता है।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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