
नई दिल्ली, 06 अगस्त (Udaipur Kiran) । उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वो उन अनाथ बच्चों का सर्वे करें, जिन्हें शिक्षा के अधिकार कानून के तहत मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा नहीं मिली है। जस्टिस बीवी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि राज्य सरकारें ये भी बताएं कि जिन बच्चों को पढ़ाई का अधिकार नहीं मिला, उनके साथ ऐसा क्यों हुआ।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वो 2027 की जनगणना में अनाथ बच्चों के आंकड़े भी शामिल करने पर विचार करे। न्यायालय ने कहा कि कुछ राज्य जैसे गुजरात, दिल्ली, मेघालय और सिक्किम ने पहले से ही अपने राज्य में 25 फीसदी आरक्षित सीटों में अनाथ बच्चों को शामिल कर लिया है।
याचिका पौलोमी पाविनी शुक्ला ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि यूनिसेफ के मुताबिक करीब ढाई करोड़ अनाथ बच्चे हैं, लेकिन हमारे पास कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। याचिका में कहा गया है कि देश में कमजोर वर्गों के लिए छात्रवृत्ति, आरक्षण, नौकरियां और लोन की व्यवस्था है लेकिन अनाथ बच्चों के लिए कई ठोस नीति नहीं है।
(Udaipur Kiran) /संजय
—————
(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
