
कोलकाता, 06 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के कई जिलों में लगातार बारिश और दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) द्वारा छोड़े गए जल के कारण गंभीर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक बार फिर से तीखी राजनीतिक बहस छिड़ गई है। तृणमूल सांसद ऋतब्रत बनर्जी ने जलशक्ति मंत्रालय से चार अहम सवाल पूछे। उन्होंने जानना चाहा कि 18 जून से अब तक डीवीसी ने पश्चिम बंगाल में कुल 27 हजार मिलियन क्यूबिक मीटर जल छोड़ा है, और यदि हां, तो क्या जल छोड़ने से पहले राज्य सरकार से कोई चर्चा की गई थी। यदि चर्चा हुई थी तो उसका विवरण क्या है, और यदि चर्चा नहीं हुई, तो इसके पीछे कारण क्या था।
जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने अपने लिखित जवाब में बताया कि 18 जून से 15 जुलाई के बीच माईथन और पंचेत जलाशयों से कुल 27,987 मिलियन क्यूबिक मीटर जल छोड़ा गया है। यह भी कहा कि जल छोड़ने का निर्णय डीवीसी और उससे संबद्ध समिति द्वारा लिया जाता है, जिसमें केंद्रीय जल आयोग, रिवर मैनेजमेंट विभाग, झारखंड और पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं। मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि डीवीसी, डीवीआरसी के निर्देशों के अनुसार कार्य करता है ताकि बाढ़ नियंत्रण के साथ झारखंड और पश्चिम बंगाल में पेयजल, सिंचाई, परिवहन और औद्योगिक जरूरतों को भी पूरा किया जा सके।
हालांकि, ऋतब्रत बनर्जी केंद्र सरकार के इस उत्तर से असंतुष्ट रहे। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि जल छोड़ने से पहले राज्य सरकार से वाकई कोई चर्चा की गई थी या नहीं। सिर्फ यह बताना कि एक समिति है, पर्याप्त नहीं है, क्योंकि समिति का होना और सक्रिय संवाद होना, दोनों अलग बातें हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने जानबूझकर दो महीनों के आंकड़ों के बजाय केवल 28 दिनों का ही जल छोड़े जाने का विवरण दिया है। ऋतब्रत ने कहा, हमने पूछा था कि कुल कितना जल छोड़ा गया, तो सरकार ने एक महीने की जानकारी दी। जबकि हकीकत यह है कि जून और जुलाई के दो महीनों में डीवीसी ने कुल 50,287 मिलियन क्यूबिक मीटर जल छोड़ा है। 2023 की तुलना में यह 30 गुना अधिक और 2024 की तुलना में 11 गुना अधिक है।
उन्होंने डीवीसी और केंद्र सरकार पर बंगाल को डुबोने की साज़िश का आरोप लगाते हुए कहा कि दक्षिण बंगाल में भारी फसल नुकसान हुआ है। लोग बेघर हो गए हैं। यह पूरी तरह एक ‘मानव निर्मित आपदा’ है। भाजपा सरकार ने डीवीसी के माध्यम से जल छोड़वाकर बंगाल के खिलाफ षड्यंत्र किया है। लेकिन 2026 के विधानसभा चुनाव में बंगाल की जनता इसका करारा जवाब देगी।——————-
(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
