
मुंबई,6 अगस्त ( हि.स.) । सिविल अस्पताल ने इस धारणा को झूठा साबित कर दिया है कि प्लास्टिक सर्जरी केवल पैसों से ही संभव है। ठाणे जिला सिविल अस्पताल के अधीक्षक और शल्य चिकित्सक डॉ कैलाश पवार ने आज बताया कि आज गरीबों को भी नए जीवन का अधिकार मिल रहा है… वो भी एक सरकारी अस्पताल में! पिछले तीन महीनों में ठाणे के सिविल अस्पताल में 25 प्लास्टिक सर्जरी सफलतापूर्वक की जा चुकी हैं और सिविल अस्पताल आधुनिक और मानवीय सर्जरी के केंद्र में खड़ा है।
सिविल अस्पताल जहाँ दूरबीन के माध्यम से सफल सर्जरी कर रहा है, वहीं अब उसी कुशलता से प्लास्टिक सर्जरी भी की जा रही है। ज़िला शल्य चिकित्सक डॉ. कैलाश पवार और अतिरिक्त ज़िला शल्य चिकित्सक डॉ. धीरज महानगड़े के मार्गदर्शन में प्लास्टिक सर्जन डॉ. अभिषेक धाकड़ ने बताया कि दुर्घटनाओं में टूटे हुए अंगों, चेहरे के विकारों, जले हुए मरीजों के पुनर्निर्माण उपचार और जन्मजात विकृतियों वाले बच्चों का प्लास्टिक सर्जरी में इलाज किया गया है।
गरीबों के जीवन में प्लास्टिक सर्जरी एक सपने जैसी लगती है। हालाँकि,सिविल अस्पताल ने इन सपनों को साकार किया है। उदाहरण के लिए, एक छह साल की बच्ची के हाथ और पैर की उंगलियाँ जन्म से ही चिपकी हुई थीं। निजी अस्पताल में इलाज का खर्च वहन करना मुश्किल था। लेकिन सिविल अस्पताल में उसके बाएँ हाथ की उंगलियाँ सफलतापूर्वक अलग कर दी गईं। बाकी सर्जरी जल्द ही की जाएँगी। इन सफल सर्जरी का श्रेय प्लास्टिक सर्जन डॉ. अभिषेक धाकड़ और उनकी टीम को जाता है।
यह सुविधा गरीब मरीजों के लिए एक नए जीवन के अवसर की तरह है। आज भी हजारों गरीब मरीज ‘प्लास्टिक सर्जरी’ जैसे इलाज के बारे में सोच भी नहीं सकते। लेकिन सिविल अस्पताल ने यह सेवा प्रदान की है। ये 25 सर्जरी सिर्फ संख्याएँ नहीं हैं – ये ऐसी कहानियाँ हैं जो 25 परिवारों को आशा और नया जीवन देती हैं।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
