
जयपुर, 6 अगस्त (Udaipur Kiran) । आजकल साइबर ठगों द्वारा निवेशकों को निशाना बनाने के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, फर्जी मोबाइल ऐप्स और नकली यूपीआई हैंडल्स का उपयोग करके ये जालसाज भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नाम पर फर्जी नोटिस और आकर्षक रिटर्न का लालच दे रहे हैं। इसी खतरे को देखते हुए सेबी और राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने मिलकर एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। जिसमें निवेशकों को साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए कई अहम सुझाव दिए गए हैं।
कैसे पहचानें फर्जीवाड़ा
सेबी के अनुसार अगर आपको सेबी से कोई नोटिस या दस्तावेज़ मिलता है, तो उसे सीधे सच न मानें। उसकी प्रामाणिकता की जांच करना बेहद ज़रूरी है। इसके लिए सेबी ने कुछ आसान तरीके बताए हैं:
रिकवरी सर्टिफिकेट की जांच: सेबी द्वारा जारी किए गए हर रिकवरी सर्टिफिकेट को आप उनकी वेबसाइट पर होम > प्रवर्तन > वसूली कार्यवाही सेक्शन में जाकर सत्यापित कर सकते हैं।
यूडीआईएननंबर से पुष्टि: सेबी के हर आदेश में एक अद्वितीय दस्तावेज़ पहचान संख्या (यूडीआईएन) होती है। इसकी पुष्टि आप सेबी की वेबसाइट पर होम > सेबी द्वारा जारी दस्तावेज़ संख्या प्रमाणित करें में जाकर कर सकते हैं।
अधिकारियों के ईमेल और संपर्क
सेबी की वेबसाइट पर जाकर उनके नाम, ईमेल आईडी और फोन नंबर की जांच कर सकते हैं।
साइबर ठगों से बचने के लिए सेबी ने निवेशकों को कुछ और भी जरूरी सलाह दी हैं।
सुरक्षित यूपीआई हैंडल: निवेश के लिए केवल रजिस्टर्ड बैंकों से जुड़े यूपीआई हैंडल का ही उपयोग करें।
व्हाइटलिस्टेड ऐप्स: केवल उन्हीं ब्रोकर ऐप्स का उपयोग करें जो सेबी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर प्रकाशित सूची में शामिल हैं।
सोशल मीडिया पर सावधानी: सेबी केवल अपने रजिस्टर्ड एक्स हैंडल पर ही आधिकारिक जानकारी और सलाह देता है। अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संदिग्ध विज्ञापनों से दूर रहें।
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(Udaipur Kiran)
