Madhya Pradesh

उज्जैन के पूर्व सिविल सर्जन डॉ पी एन वर्मा और अन्य पर लोकायुक्त मैं प्रकरण दर्ज

उज्जैन के पूर्व सिविल सर्जन डॉ पी एन वर्मा और अन्य पर लोकायुक्त मैं प्रकरण दर्ज।

उज्जैन, 6 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्यप्रदेश के उज्जैन के पूर्व सिविल सर्जन डॉ पी एन वर्मा और अन्य दो पर लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज हुआ है। खरीदी मामले में शासन को आर्थिक हानि आदि का आरोप है।

लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि धर्मेंद्र शर्मा निवासी ग्राम नजरपुर, तहसील घट्टिया, जिला उज्जैन ने लोकायुक्त उज्जैन में पुलिस अधीक्षक के समक्ष शासकीय चरक भवन अस्पताल के संचालन के लिए समय-समय पर वस्तुओं एवं सेवाओं का नियम विरूद्ध तरीके से क्रय किये जाने के संबंध में शिकायत की थी। उक्त शिकायत की जॉच इस इकाई में पदस्थ डीएसपी राजेश पाठक द्वारा की गई । प्रकरण की जॉच पर यह पाया गया कि जिन फर्मों को दो वर्ष के लिए निविदा कर कार्यादेश दिया गया था, उनकी दो वर्षो की निविदा अवधि समाप्त होने के पश्चात लगभग दो से तीन वर्ष तक बिना नई निविदा के पुरानी फर्मो डेहली रेफ्रिजरेशन एण्ड एयर कंडिशनिंग इंजिनियरिंग, इन्दौर एवं रिडेन एस.पी. सी. ऑक्सीजन गैस सप्लायर को जिला उज्जैन से ही कार्य करवाया जाकर उक्त फर्मों को अनुचित आर्थिक लाभ पहुंचाया गया तथा बिना प्रतिस्पर्धा की निविदा मूल्य से कार्य करवाये जाने के कारण शासन को अर्थिक क्षति हुई है।

यह उल्लेखनीय है की विभिन्न फर्मों को क्रय, कार्य के भुगतान के समय जी. एस. टी राशि का भुगतान भी किया गया था, जिसे संबंधित फर्मों द्वारा शासन पक्ष में जमा नही करवाया गया। इसके बावजूद बिना क्लेरिफिकेशन सर्टिफिकेट के नियम विरूद्ध रूप से पश्चातवर्ती भुगतान भी किया गया । तत्कालीन सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय उज्जैन, कार्यालय सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक उज्जैन (वर्तमान में सेवानिवृत्त) प्रदत्त वित्तीय शक्तियो के विपरीत, फर्मों को अत्याधिक राशि का भुगतान, बिना सक्षम अधिकारी के अनुमोदन प्राप्त किया गया है। प्रकरण में किये गये अनियमित भुगतान की कुल राशि का निर्धारण विवेचना के दौरान भुगतान का ऑडिट करवाकर किया जावेगा। इस प्रकार निम्नलिखित आरोपी लोकसेवकों द्वारा पदीय कदाचरण करते हुऐं विभिन्न फर्मों के संचालको से मिलकर, आपराधिक षडयंत्रपूर्वक प्रदत वित्तीय शक्तियों के विपरीत जाकर शासकीय राशि का नियमविरूद्ध भुगतान किया गया, जिससे शासन का आर्थिक हानि हुई ।

अतः कार्यालय सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक में पदस्थ तत्कालीन सिविल सर्जन 1 – डॉ. प्रयागनारायण वर्मा (हाल – सेवानिवृत्त), 2- तत्कालीन लेखापाल राजकुमार सोनी (हाल – सेवानिवृत्त) एवं 3 – तत्कालीन प्रभारी लिपिक राहुल पण्ड्या, (मूल पद ड्रेसर) ग्रेड-1 प्रभारी लिपिक के विरूद्ध धारा 7 – सी 13 (1) ए, 13 (2) भ्र.नि.अधि 1988 (संशोधन 2018) एवं भा.द.वि. की धारा 120-बी के अंतर्गत दिनांक 01.08.2025 को क्रमांक 144 / 2025 एफ. आई.आर दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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