
उदयपुर, 6 अगस्त (Udaipur Kiran) । स्कूली शिक्षा, पंचायती राज एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने विभागीय क्रय प्रणाली में बड़ा परिवर्तन करते हुए आदेश जारी किया है। दिलावर ने ऐलान किया कि अब शिक्षा विभाग और पंचायती राज विभाग और संस्कृृृृत शिक्षा विभाग में केवल स्वदेशी (भारत निर्मित) उत्पादों का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि विभागीय कार्यों और आवश्यकताओं के लिए अब विदेशी सामान की खरीद पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी।
मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि यह निर्णय ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को गति देने, स्थानीय कारीगरों, किसानों, लघु उद्योगों और भारतीय ब्रांड्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी कार्यालयों, स्कूलों, पंचायत भवनों और विभागीय उपक्रमों में किसी भी प्रकार का विदेशी उत्पाद उपयोग में नहीं लिया जाए। दिलावर ने यह भी कहा कि अतिआवश्यक होने पर मंत्री स्तर से स्वीकृति के उपरांत ही विदेश निर्मित उत्पादों की खरीदी की जा सकेगी।
उन्होंने चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि यदि कोई अधिकारी या विभाग इस आदेश की अवहेलना करता है, तो उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और वसूली भी की जाएगी।। विभागीय खरीद की निगरानी के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं, ताकि आदेश का पालन सुनिश्चित हो सके।
दिलावर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक अन्य पोस्ट जारी कर प्रदेश की महिलाओं से रक्षाबंधन पर्व पर राखियां भी स्वदेशी ही खरीदने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि हम देख रहे है कि पेस्ट से लेकर शेेेेविंग क्रीम, रेजर तक विदेशी इस्तेमाल करते है। इससे हमारे उद्यमियों को नुुुुुकसान होता है और हमारे दुश्मन विदेशी ताकतों को फायदा होता है। दिलावर ने कहाा, यह समय देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का है और इसके लिए जरूरी है कि हर नागरिक, हर विभाग और हर संस्था ‘वोकल फॉर लोकल’ का पालन करे। उनका मानना है कि विदेशी उत्पादों के स्थान पर स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग न केवल स्थानीय उत्पादकों को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि राष्ट्र के प्रति आर्थिक प्रतिबद्धता का प्रतीक भी बनेगा।
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(Udaipur Kiran) / सुनीता
