
मंडी, 06 अगस्त (Udaipur Kiran) । सरदार पटेल विश्वविद्यालय एसपीयू मंडी और केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन सीएसआईओ चंडीगढ़ ने सहयोगात्मक अनुसंधान, नवाचार और शैक्षणिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन एमओयू पर हस्ताक्षर किए। ऐसा करके एक रणनीतिक साझेदारी को औपचारिक रूप दिया है।
इस समझौता ज्ञापन पर एसपीयू मंडी के कुलपति प्रो. ललित कुमार अवस्थी और सीएसआईआर-सीएसआईओ चंडीगढ़ के निदेशक प्रो. शांतनु भट्टाचार्य ने सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी और एसपीयू, मंडी के डीन अनुसंधान डॉ. लखवीर सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
कुलपति प्रो. ललित अवस्थी ने समझौता ज्ञापन का विवरण देते हुए कहा कि सीएसआईआर-सीएसआईओ, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद सीएसआईआर के अंतर्गत एक प्रमुख राष्ट्रीय प्रयोगशाला है, जो वैज्ञानिक और औद्योगिक उपकरणों के अनुसंधान, डिजाइन और विकास में विशेषज्ञता रखती है। सीएसआईआर-सीएसआईओ स्वास्थ्य सेवा, कृषि और पर्यावरण निगरानी सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध है।
प्रोफ़ेसर अवस्थी ने कहा कि यह गठबंधन बायोमेडिकल इंस्ट्रूमेंटेशन, ऑप्टिक्स, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, एग्रीओनिक्स और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में अंतःविषय अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्थानों की क्षमताओं का लाभ उठाने का प्रयास करता है।
प्रोफ़ेसर अवस्थी ने इस सहयोग के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि यह साझेदारी हमारे छात्रों और शोधकर्ताओं को भारत के प्रमुख अनुसंधान संस्थानों में से एक, सीएसआईआर-सीएसआईओ के व्यापक संसाधनों तक बेहतर शैक्षणिक अनुभव और पहुंच प्रदान करेगी। यह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उच्च-प्रभावी अनुसंधान के नए अवसर पैदा करेगा।
समझौता ज्ञापन के मुख्य उद्देश्यों में रणनीतिक और उभरते क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं को सुगम बनाना है। शैक्षणिक और शोध क्षमताओं को बढ़ाने के लिए संकाय और छात्र विनिमय कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है। ज्ञान के प्रसार और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त कार्यशालाओं का आयोजन करना। एसपीयू के छात्रों को सीएसआईआर-सीएसआईओ की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और शोध सुविधाओं तक पहुँच प्रदान करना।
प्रो. ललित अवस्थी ने कहा कि यह सहयोग एसपीयू के छात्रों को अत्याधुनिक शोध परियोजनाओं में व्यावहारिक अनुभव के अद्वितीय अवसर प्रदान करेगा। सीएसआईआर-सीएसआईओ के उन्नत उपकरणों के साथ जुड़कर और संयुक्त शोध पहलों में भाग लेकर छात्र व्यावहारिक कौशल और अंतर्दृष्टि प्राप्त करेंगे जो उनके व्यावसायिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
