
– रात भर स्टीमर से तलाश कर किनारे बंधवाया, किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं
मीरजापुर, 06 अगस्त (Udaipur Kiran) । नरायनपुर क्षेत्र के ग्राम रैपुरिया स्थित गंगा घाट पर मंगलवार की शाम बड़ा हादसा उस वक्त टल गया जब वहां बंधे कुल 123 पीपा गंगा के तेज बहाव में बह गए। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई और सम्बंधित पम्प कैनाल नारायनपुर को तत्काल बंद कर दिया गया। विभागीय अमले को रात भर स्टीमर के सहारे पीपा की तलाश में लगाया गया, जो भोर तक सफलता के साथ सभी पीपा पकड़कर किनारे बांध दिए गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गंगा की धारा इतनी तेज थी कि पीपा बहते हुए वाराणसी की ओर तेज़ी से बढ़ने लगे। बताया जा रहा है कि कुछ पीपा पम्प कैनाल नरायनपुर, विश्वसुंदरी पुल व राजघाट पुल से टकरा भी गए। हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं हो सकी है।
घटना की जानकारी मिलते ही मिल्कीपुर व गोपालापुर पम्प नहरों को भी अलर्ट कर दिया गया। विभागीय टीम ने गंगा में बह रहे पीपा को सैदपुर, रिंग रोड वाराणसी, कुंडा व अन्य स्थानों पर रोक कर सुरक्षित किनारे बंधवा दिया।
नरायनपुर पीपा पुल के जेई अवधेश यादव ने बताया कि घाट पर निगरानी की जिम्मेदारी हबीबुल्ला और बाबूलाल की थी। शाम करीब चार बजे ठीकेदार रामलखन सिंह के साथ मौके का निरीक्षण और वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई गई थी। लेकिन रात करीब आठ बजे गंगा के तेज बहाव और कटान की चपेट में आकर पेड़ उखड़ गए, जिससे रस्से टूट गए एवं लंगर बहने लगे और सभी पीपा पानी में बहने लगे।
ठीकेदार रामलखन सिंह ने बताया कि घटना के बाद तत्काल प्रयास शुरू कर दिए गए और अब तक सभी 123 पीपा और 14 लंगर पकड़कर सुरक्षित बांध दिए गए हैं। पीपा को रैपुरिया घाट वापस लाने की तैयारी चल रही है।
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(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
