Madhya Pradesh

अशोकनगर : गुम हुए लोधी परिवार को लेकर ग्रहमंत्री और मुख्य न्यायाधीश को लिखी पटवारी ने चिठ्ठी

अशोकनगर: गुम हुए लोधी परिवार को लेकर ग्रहमंत्री और मुख्य न्यायाधीश को लिखी पटवारी ने चिठ्ठी

अशोकनगर, 05 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिले में बीते जून माह में घटित कथित मैला कांड और पुलिस की संदेहास्पद कार्यप्रणाली अब तक पुलिस प्रशासन की गले की हड्डी बनी हुई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं,उनके द्वारा मंगलवार को अब फिर इस मुद्दे को उठाते हुए गुमशुदा गजराज लोधी और उनके परिवार को लेकर कठोर कार्रवाई करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित देश के ग्रहमंत्री अमित शाह एवं मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा पुलिस महानिदेशक भोपाल को चिठ्ठी लिखी गईं हैं। उनके द्वारा जिम्मेदार पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करने एवं पीडि़त परिवार की जल्द सुरक्षित खोज कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।

जीतू पटवारी ने चिठ्ठी में लिखा है कि जिले के मुंगावली क्षेत्र के मूडरा गांव के गजराज लोधी एवं उनका परिवार की रहस्यमय गुमशुदगी तथा मानवाधिकार हनन पर कठोर कार्रवाई हो। उनके द्वारा कहा गया कि यह एक अत्यंत गंभीर संवेदनशील घटना है, मुंगावली क्षेत्र के मूडरा गांव निवासी गजराज लोधी, उनके भाई रघुराज लोधी एवं समस्त परिवार अभी भी रहस्यमय ढंग से लापता है।

गजराज लोधी के साथ अमानवीयता की सारी हदें पार करते हुए मारपीट की गई, उन्हें मानव मल खिलाया गया, मोटरसाइकिल छीनी गई और धमकाया गया। उन्होंने लिखा कि गंभीर बात यह है कि गजराज लोधी द्वारा लगातार 15 दिनों तक प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से न्याय की गुहार लगाई गई, एफआईआर भी दर्ज कराई गई, परंतु प्रशासन ने उसकी कोई सुनवाई नहीं कि।

कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा कि आश्चर्य और गंभीर चिंता का विषय है कि एफआईआर के तुरंत बाद से पूरा परिवार लापता है। यह घटना न केवल एक व्यक्ति अथवा परिवार से जुड़ी है, बल्कि प्रदेश की कानून व्यवस्था, माफिया तंत्र एवं प्रशासनिक तानाशाही के भयावह स्वरूप को भी उजागर करती है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह स्वयं पीडि़त परिवार से मुलाकात हेतु जब गांव पहुंचे थे, तब भी पीडि़त परिवार लापता था।

मांग कर कहा गया है कि प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच हो, जिम्मेदार पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाए। पीडि़त परिवार की जल्द सुरक्षित खोज कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इस मामले की निगरानी के लिए विशेष समिति गठित कर रिपोर्ट प्रतिवेदन सार्वजनिक की जाए।

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(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार

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