
उदयपुर, 5 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजसमंद जिले के नाथद्वारा के राजकीय जिला अस्पताल से 4 अगस्त सोमवार को तीन दिन का नवजात चोरी हो गया था। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया और घटना को अंजाम देने वाली दो सगी बहनों को गिरफ्तार किया है। इनमें से बड़ी बहन की शादी को दस साल हो चुके थे, लेकिन वह मां नहीं बन सकी थी। इसी पीड़ा के चलते उसने अपनी छोटी बहन के साथ मिलकर बच्चा चोरी की साजिश रची।
पुलिस के अनुसार पकड़ी गई आरोपित महिला चेतना निवासी गढ़वाड़ा उदयपुर ने पहले नर्स की ड्रेस तैयार की और अस्पताल में बच्चे की मां के पास पहुंच गई। वहां उसने खुद को नर्स बताते हुए बच्चे को जांच के बहाने ले जाने की बात कही। चेतना के साथ आई महिला ने बच्चे के पिता की बहन चंदा को साथ चलने को कहा। रास्ते में चेतना ने चंदा से आधार कार्ड लाने को कहा और जब चंदा कार्ड लेने चली गई तो वह बच्चा लेकर वहां से गायब हो गई।
बच्चे के लापता होने के बाद परिजनों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। श्रीनाथजी थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने अस्पताल के सीसीटीवी कैमरों की जांच की और आस-पास के इलाकों में तलाशी शुरू की। जांच में पता चला कि दोनों बहनें दो-तीन दिन से अस्पताल में रेकी कर रही थीं। पुलिस ने राजसमंद से करीब 15 किलोमीटर दूर बिजनोल गांव से बच्चे को बरामद कर लिया। वहीं से चेतना और उसकी छोटी बहन भारती को भी गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में चेतना ने बताया कि उसने दो बार आईवीएफ करवाया था, लेकिन दोनों बार सफलता नहीं मिली। एक बार मिसकैरेज हो गया और दूसरी बार आठवें महीने में गर्भपात कराना पड़ा। परिवार में सबको यही लगता रहा कि वह गर्भवती है, जबकि असल में गर्भपात हो चुका था। वह नहीं चाहती थी कि सच्चाई सबको पता चले। इस कारण उसने बच्चा चुराने का निर्णय लिया। चेतना ने यह भी कहा कि उसका उद्देश्य बच्चे को नुकसान पहुंचाना नहीं था, वह केवल उसे पालना चाहती थी। इसलिए उसने अपनी बहन भारती को साथ लिया ताकि बच्चा भूखा न रह जाए।
भारती ने भी स्वीकार किया कि वह केवल बच्चे को दूध पिलाने के लिए साथ गई थी। उसे भी यही बताया गया था कि चेतना मां बनने वाली है और अब अस्पताल से बच्चा लाने की योजना बना रही है।
फिलहाल दोनों आरोपित बहनों को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश किया है। नवजात को सही-सलामत पाकर परिजनों ने राहत की सांस ली है। वहीं, अस्पताल प्रशासन से इस चूक को लेकर रिपोर्ट तलब की गई है।
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(Udaipur Kiran) / सुनीता
