
नई दिल्ली 05 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में ग्रिड स्केल ऊर्जा भंडारण प्रणालियों पर चर्चा के लिए विद्युत मंत्रालय के लिए संसद सदस्यों की परामर्शी समिति की बैठक हुई। बैठक में भारत के ऊर्जा भंडारण रोडमैप और भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा पर विचार-विमर्श किया गया।
विद्युत मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि केंद्रीय विद्युत मंत्री ने इस बैठक में बताया कि भारत 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 2005 के स्तर से 45 फीसदी तक कम करने और गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से 2030 तक 50 फीसदी संचयी स्थापित क्षमता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि जून 2028 तक चालू होने वाली सह-स्थित बीईएसएस परियोजनाओं और जून, 2028 तक निर्माण कार्य सौंपे जाने वाली पीएसपी परियोजनाओं के लिए अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) शुल्क पूरी तरह माफ कर दिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि विद्युत मंत्रालय की व्यवहार्यता अंतर निधि योजना (वीजीएफ) के तहत 43 गीगावाट बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों (बीईएसएस) को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सीईए ने पीएसपी परियोजनाओं के लिए एकल खिड़की मंजूरी प्रकोष्ठ की स्थापना की है।
बैठक में विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक, लोकसभा और राज्यसभा की विद्युत परामर्शदात्री समिति के सदस्य, मंत्रालय, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के विशेषज्ञ शामिल हुए।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
