West Bengal

घाटाल में जल जमाव से भीषण संकट, 350 परिवार डेढ़ महीने से छत पर रहने को मजबूर

घाटाल में बाढ़ से लोगों का जीवन अस्त व्यस्त

घाटाल, 5 अगस्त (Udaipur Kiran) ।

पश्चिम मिदनापुर जिले के घाटाल शहर से कुछ दूरी पर स्थित अजबनगर गांव में बाढ़ जैसी स्थिति ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। गांव के लगभग 350 परिवार पिछले डेढ़ महीने से अपने घरों की छतों पर ही अस्थायी रूप से जीवन बसर कर रहे हैं। एक मंजिला मकान पूरी तरह से पानी में डूबा हुआ है।

लोग छतों पर त्रिपाल लगाकर रह रहे हैं , भोजन(खिचड़ी) ब्लॉक प्रशासन द्वारा नाव से पहुंचाई जा रही है या फिर कुछ लोग गैस व चूल्हे पर खुद छत पर ही खाना बना रहे हैं। सब्जी मिलना नामुमकिन है, क्योंकि पूरे क्षेत्र में नाव के बिना कहीं आना-जाना संभव नहीं है।

पीने के पानी के पाउच भी नावों के जरिए पहुंचाए जा रहे हैं। स्थानीय निवासी गणेश पोड़े, जो 19 जून से परिवार सहित छत पर रह रहे हैं, कहते हैं कि आमतौर पर यहां बाढ़ की स्थिति अगस्त के अंत या सितंबर में आती है, लेकिन इस बार मई के अंत से पानी भरा हुआ है, और अब तक कोई राहत नहीं मिली है। उन्होंने सवाल किया, क्या हमें और डेढ़ महीना इसी तरह छत पर रहना होगा?

अजबनगर गांव के अलावा रथीपुर, हरिदाशपुर, राधाकांतपुर, महराजपुर, निमपाता, एलोचक, पन्ना और शीतलपुर जैसे गांवों में भी सभी घरों की निचली मंजिल पूरी तरह से जलमग्न हैं।

घाटाल ब्लॉक तृणमूल अध्यक्ष दिलीप मांझी ने कहा है कि घाटाल की छह ग्राम पंचायतें पूरी तरह जलमग्न हैं। अभी भी जलस्तर कम होने के कोई संकेत नहीं हैं। बीमारी फैलने का खतरा भी बना हुआ है। ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया।”

स्थानीय लोगों की यही मांग है कि प्रशासन और केंद्र सरकार मिलकर घाटाल मास्टर प्लान पर तुरंत अमल करें ताकि हर साल इस त्रासदी से राहत मिल सके।

(Udaipur Kiran) / अनिता राय

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