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बलूचिस्तान के केच में जंगयान बलूच के घर पर हमला

जंगयान बलूच अपने घर के बाहर। फोटो - द बलूचिस्तान पोस्ट

क्वेटा (बलूचिस्तान), 05 अगस्त (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान समर्थित भाड़े के हत्यारों (मौत दस्ता) ने सोमवार रात केच जिले में थिसिल टेम्प के तेलकान क्षेत्र में जंगयान बलूच के घर पर हमला किया। हमले में फिलहाल किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है। जंगयान के घर पर इससे पहले भी कई बार हमला किया जा चुका है।

द बलूचिस्तान पोस्ट की बलूची भाषा की समाचार सेवा की खबर के अनुसार, एक स्थानीय संवाददाता ने सूचित किया है कि यह हमला रात में हुआ, लेकिन इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। जंगयान बलूच के घर पर पहले भी कई बार हमला हो चुका है। बलूचिस्तान में मौत दस्तों और पाकिस्तान समर्थित संस्थाओं पर गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप हैं। इन आरोपों में जबरन अपहरण, न्यायेतर हत्याएं और नागरिकों को निशाना बनाना शामिल हैं।

ग्यारह साल से गायब हैं अमीर बख्श

इस बीच द बलूचिस्तान पोस्ट की अंग्रेजी भाषा की समाचार सेवा की खबर के अनुसार, एक दशक से भी अधिक समय से लापता अमीर बख्श बलूच के परिवार ने सोमवार को कराची प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन कर संघीय सरकार से उनके ठिकाने का खुलासा करने और अगर कोई आरोप है तो उन्हें अदालत में पेश करने की अपील की है। इस दौरान केंद्रीय बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) की नेता सम्मी दीन बलूच भी मौजूद थीं।

अमीर बख्श की बेटी सदाफ बलूच ने कहा कि उनके पिता को 4 अगस्त 2014 को ग्वादर के अंबी बाजार कुलांच इलाके से सुरक्षा बल जबरन उठा ले गए थे। ग्यारह साल बीत चुके हैं। अभी भी नहीं पता कि वह कहां हैं या जिंदा भी हैं या नहीं। सदाफ ने कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का गायब होना नहीं है, यह पूरे परिवार की निरंतर पीड़ा, मनोवैज्ञानिक आघात और सामाजिक मृत्यु है।

सदाफ बलूच ने कहा कि पिता को ढूंढ़ने के लिए उसने परिवार के साथ सभी कानूनी और शांतिपूर्ण रास्ते अपना लिए हैं। परिवार को सब जगह से निराशा ही हाथ लगी है। सदाफ ने संघीय सरकार, न्यायपालिका, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और मानवाधिकार संगठनों से अपील करते हुए कहा कि यह किसी राजनीतिक आंदोलन की मांग नहीं है। यह एक बेटी की गुहार है जो अपने पिता के इंतजार में ग्यारह साल से हर दिन जी रही है और हर रात मर रही है।

बीवाईसी की सम्मी दीन बलूच ने कहा कि अगर अमीर बख्श बलूच ने कोई अपराध किया है तो उसे अदालत में पेश किया जाए। यह कौन सा कानून है कि किसी को बिना आरोप या मुकदमे के ग्यारह साल तक हिरासत में रखा गया है। सम्मी दीन बलूच ने कहा कि बलूच महिलाएं अब केवल प्रदर्शनकारी नहीं हैं, बल्कि प्रतिरोध की नेता बन गई हैं।

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(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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