
शिमला, 04 अगस्त (Udaipur Kiran) । नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार द्वारा लॉटरी प्रणाली को दोबारा शुरू करने के फैसले की तीव्र आलोचना की है। उन्होंने इसे लॉटरी माफिया के दबाव में लिया गया निर्णय बताया और कहा कि यह कदम किसी भी दृष्टि से हिमाचल प्रदेश के हित में नहीं है।
साेमवार काे सविधानसभा स्थित कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जयराम ठाकुर ने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह फैसला किसके दबाव में लिया गया, किससे और कहाँ लेन-देन हुआ? उन्होंने कहा कि चाहे सरकार इस निर्णय के पक्ष में कितने भी तर्क दे, लेकिन यह स्पष्ट है कि लॉटरी प्रणाली जनहित में नहीं है। भारतीय जनता पार्टी इस फैसले का एक सुर में विरोध करती है और इसे तत्काल वापस लेने की मांग करती है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जो सरकार युवाओं को पांच लाख नौकरियां देने, स्वरोजगार बढ़ाने और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के वादे करके सत्ता में आई थी, वही आज लॉटरी को मास्टर स्ट्रोक बता रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी नीतियाँ प्रदेश के युवाओं और जनता के भविष्य को अंधकार की ओर धकेलने वाली हैं।
उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार के पास राजस्व बढ़ाने का एकमात्र तरीका अब सिर्फ शराब के ठेके, भांग की खेती और लॉटरी ही रह गया है? उन्होंने यह भी कहा कि स्वाबलंबन जैसी योजनाएं सरकार ने लगभग बंद कर दी हैं और रोजगार सृजन में पूरी तरह विफल रही है।
जयराम ठाकुर ने यह भी याद दिलाया कि जब 25 साल पहले भाजपा सरकार, प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में सत्ता में आई थी, तब लॉटरी को बंद किया गया था क्योंकि इसके गंभीर सामाजिक और आर्थिक दुष्परिणाम सामने आए थे। उन्होंने कहा, उस दौर में लोग अपनी तनख्वाह, पेंशन और जमीन तक लॉटरी में गंवा चुके थे।
मुख्यमंत्री से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि इस फैसले को वापस लिया जाए और प्रदेश के युवाओं के भविष्य को प्राथमिकता दी जाए।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के निर्माता एवं प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार की 119वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने डॉ. परमार की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला
