
धमतरी, 4 अगस्त (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ में धमतरी जिले के कुरुद ब्लाक में साेमवार को किसान नेता शेखर चंद्राकर की दुधारू मुर्रा भैंस की उनके ही ब्यारा (बाड़ा) में लगे विद्युत पोल में चिपकने से मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त मुर्रा भैंस की प्रतिदिन 10 लीटर दूध देती थी। भैंस का तीसरा बछड़ा है। भैंस भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। खासकर दूध उत्पादन में भारत में भैंसों की कई नस्ल पाई जाती है। किसी भैंस की मृत्यु हो जाती है, तो उसका निदान भी एक महत्वपूर्ण कार्य है। मृत पशुओं को अक्सर खुला में छोड़ देते हैं, जिससे पर्यावरण दूषित होता ही है। साथ ही आवारा कुत्ते मृत छोड़े गए पशु को नोच-नोच कर मांस को खाते हैं। राहगीरों को काटने दौड़ाते हैं।
पशु मालिक शेखर चंद्राकर ने भी हिंदू संस्कारों को जीवित रखने के लिए अपने भैंस की मृत्यु विद्युत पोल की करंट के चपेट में आने से होने पर हुई क्षति का अफसोस तो है। फिर भी अपनी समझदारी का परिचय देते हुए अपने स्वयं की भूमि पर नगर पंचायत के जेसीबी बुलाकर गढ्ढा खुदवा कर अपने मृत भैंस को दफन करवाया। उन्होंने कहा कि खुला में छोड़ने से हवा प्रदूषित होने के कारण दफन कराया गया है। सभी पशु मालिकों को भी ऐसी सोच रखनी चाहिए। ताकि आम नागरिकों मृत पशु को खुला में छोड़ने से तकलीफ ना हो। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष कुरुद निरंजन सिंन्हा को जैसे ही घटना की जानकारी मिली वे बिना देर किए वहां पहुंचे। उन्होंने शेखर के इस कार्य की सराहना की।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
