
कोरबा 04 अगस्त (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के कोरबा एकीकृत बाल संरक्षण योजना (मिशन वात्सल्य) अंतर्गत जिले में संचालित शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह (बालक) नवीन थाना भवन बालको के संबंध में प्रकाशित व प्रसारित समाचार जिसमें की सोशल मीडिया में वायरल विडियो का उल्लेख है। वीडियो में संस्थागत अपचारी किशोर टीवी में गाने देखते हुए दिख रहे हैं जिससे एक किशोर द्वारा अपने इंस्टाग्राम आईडी से कोरबा जेल टेग लाईन के सहित पोस्ट किया गया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास रेणु प्रकाश ने सोमवार को बताया कि उक्त घटना में किसी भी प्रकार का कदाचरण परिलक्षित नहीं हो रहा है, केवल किशोरों द्वारा टीवी में मनोरंजन की दृष्टिकोण से गाना देखते हुए उक्त स्थान में किशोर बैठे हैं, किन्तु उक्त समाचार में कोरबा जेल में ‘‘एश’’ शीर्षक के साथ दुष्प्रचार किया जा रहा है। कथित घटना में आपत्ति जनक बात यह है कि शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह (बालक) में किशोरों को मोबाईल फोन प्राप्त होने के आधार पर वीडियो बनाया गया। उक्त वीडियो को जिला जेल से फरार विचाराधीन कैदियों के संबंध में जोड़कर समाचार प्रसारित किया जा रहा है जो कि गलत है। किशोर न्याय अधिनियम अंतर्गत विधि से संघर्षरत बच्चों को ही केवल बाल सुधार गृह में रखा जाता है। उक्त संबंध में प्रारंभिक जांच एवं निवासरत किशोरों व संस्थागत कर्मचारियों के द्वारा दिये गये बयान में यह पाया गया कि शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह (बालक) में कार्यरत हाऊस फादर सरिता बैरागी के फोन से वीडियो रिकॉर्ड किया गया है। उक्त घटना में किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 74 का उल्लंघन दर्शित है।
जिसने कलेक्टर के निर्देशानुसार आज सरिता बैरागी, हाऊस फादर को तत्काल प्रभाव से शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह (बालक) कोरबा से हटा दिया गया है। उक्त घटना से जिम्मेदार पाये जाने पर संलिप्त कर्मचारी के विरूद्ध किशोर न्याय अधिनियम के तहत दोष सिद्ध होने पर नियमानुसार कार्रवाई प्रस्तावित की जायेगी।
(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी
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(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी
