पटना, 04 अगस्त (Udaipur Kiran) ।
बिहार में अरवल से भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) के विधायक महानंद सिंह को जहानाबाद सिविल कोर्ट में पेशी के बाद न्यायिक हिरासत में लेते हुए सोमवार को मंडल कारा काको भेज दिया गया है। वे 24 साल पुराने मामले में एसडीजेएम मनीष कुमार की अदालत में पेश हुए थे।
मनीष कुमार की अदालत ने सख्त रूख अपनाते हुए विधायक को हिरासत में लेने का आदेश दे दिया। अदालत का आदेश मिलते ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और मेडिकल जांच कराने के बाद जेल भेज दिया। अदालत की ओर से विधायक को पहले ही भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। उनके खिलाफ वारंट जारी था। अदालत के आदेश के बाद अब उनकी विधायकी पर भी खतरा मंडराने लगा है।
दरअसल, यह पूरा मामला साल 2001 का है, जहानाबाद में भाकपा-माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के विरोध में पार्टी ने बिहार बंद और चक्का जाम का आह्वान किया था। उसी दौरान महानंद सिंह जहानाबाद में सड़क जाम में शामिल हुए थे। उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
पुलिस जांच रे बाद मामला अदालत में पहुंचा। लेकिन महानंद सिंह अदालत में तय तिथि पर अनुपस्थित रहे। जिसके बाद अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया। इसी मामले में सोमवार को वह अदालत में पेश हुए थे, जिसके बाद अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दे दिया। अब आगामी 6 अगस्त को मामले की सुनवाई होनी है। विधायक अब अदालत में जमानत याचिका दाखिल कर सकते हैं। लेकिन अगर अदालत ने उन्हें बेल नहीं दिया, तो उन्हें जेल में ही रहना पड़ सकता है।
—————
(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी
