
चित्तौड़गढ़, 4 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने कहा है कि आज विश्व जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से जूझ रहा है। लेकिन केन्द्र और राज्य सरकार ने इसके लिए बीड़ा उठाया और प्रदेश में पिछले वर्ष 7 करोड़ और इस वर्ष 10 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा है। इसमें से 7 कराेड़ 91 लाख पौधा का लक्ष्य पूरा हो चुका है। मंत्री शर्मा सोमवार को चित्तौड़गढ़ आगमन के दौरान सर्किट हाऊस में मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि पहली बार प्रदेश में कागजी पौधारोपरण से बचने के लिए त्रि स्तरीय मूल्यांकन पद्धति अपनाई गई है। तीन तरह की जांच एजेन्सियां किसी भी क्षेत्र में जाकर पौधों का भौतिक सत्यापन कर उनके जीवित रहने की दर की जांच कर रही है। मारवाड़ में खेजड़ी के कटान और सोलर प्लांट लगाए जाने से हो रहे पर्यावरण के नुकसान के सवाल पर उन्होंने कहा कि मारवाड़ क्षेत्र में जिस भी भूमि पर सोलर प्लांट लगाए जा रहे है वो किसानों से लीज पर ली जा रही है। प्रयास किया जा रहा है कि कम से कम पौधों का नुकसान हो। जिले और अन्य क्षेत्रों में लगाई गई लवकुश वाटिकाओं और पर्यटकों के लिए बनाए रिसोर्ट पर उन्होंने कहा कि लवकुश वाटिकाओं का ठीक से संचालन हो और इन जमीनों को कब्जे होने से बचाया जा सके। इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। वन क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन पर उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में अवैध खनन एक मिथक मात्र है। जबकि जो भी खनन हो रहे है वो राजस्व भूमियों पर है। उन्होंने दुर्ग की तलहटी के वन क्षेत्र में हो रहे कब्जों पर भी शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।
अधिकारियों के साथ ली बैठक, दिए निर्देश
वन मंत्री संजय शर्मा ने कलक्ट्रेट के ग्रामीण विकास सभागार में वन विभाग व प्रदूषण नियंत्रण मंडल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक ली व विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान डीएफओ राहुल झांझरिया ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से चित्तौड़गढ़ जिले में चल रहे विभिन्न कार्याें जानकारी दी। बैठक में विधायकों ने भी मंत्री से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बेगूं विधायक सुरेश धाकड़ ने वनाधिकार पट्टों पर चर्चा करते हुए कहा कि जो लोग पीढ़ी दर पीढ़ी वन क्षेत्र में निवास कर रहे है उन्हें पट्टे नहीं मिल पा रहे है, जिस पर कुछ शिथिलता बरतने को कहा गया। इस दौरान डीएफओ ने वन क्षेत्र में चल रहे नरेगा कार्याें और कम्यूनिटी फोरेस्ट के कामों की जानकारी दी। इस पर मंत्री ने संतोष व्यक्त किया। बैठक के दौरान पूर्व मंत्री एवं विधायक श्रीचन्द्र कृपलानी, चन्द्रभान सिंह आक्या, सुरेश धाकड़, जिला कलक्टर आलोक रंजन, जिला प्रमुख गब्बर अहीर उपवन संरक्षक, जिला परिषद के सीइओ अनूप कुमार पाठक सहित विभिन्न जिलाधिकारी और वन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
जवाब देने में अटके प्रदूषण नियंत्रण के अधिकरी
बैठक के दाैरान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों से मंत्री ने जवाब तलब किए। इस दौरान उन्होंने बताया कि जिले में 15 कारखाने रेड जोन में है, जबकि 416 कारखाने ओरेंज जोन में है। जब अधिकारी से पूछा गया कि चित्तौड़गढ़ शहर का प्रदूषण मानक स्तर कितना है तो वे ठीक से जवाब नहीं दे पाए। इस दौरान उनसे पॉलीथिन के विरूद्ध चलाए जा रहे अभियान के मामले में भी जानकारी ली। लेकिन उनकी कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश में पॉलीथीन का उत्पादन बंद है ऐसे में जिले में पॉलीथीन कहां से आ रहा है और कौन थोक व्यापारी पॉलीथीन बेच रहा है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस दौरान विधायक सुरेश धाकड़ ने भी प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों को आड़े हाथों लिया।
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(Udaipur Kiran) / अखिल
