Madhya Pradesh

अनूपपुर: दस वर्षों से अधूरा पड़ा कृषि बहुउद्देशीय केन्द्र, किसानों को बेहतर सेवाएं देने की थी योजना

भवन की खिडकी दरवाजे चाेरी
सेड का टीन की चादर चाेरी

– ठेकेदार अधूरा काम छोड़कर गया

अनूपपुर, 4 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्‍य प्रदेश के अनूपपुर जिले में किसानों की सुविधा के लिए जिला मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर चचाई मार्ग पर बहुउद्देशीय भवन का निर्माण होना था, जिसमें काम तो शुरू हुआ पर अब तक पूरा नहीं हुआ है। यह कार्य राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड द्वारा 1 करोड़ 27 लाख रूपए की लागत से 2015 में प्रारंभ किया गया था, जिसे अब 10 साल बीत रहे हैं, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ है, जबकि ठेकेदार को काम पूरा करने के लिए 2019 तक समय दिया गया था। समय पर काम पूरा नहीं होने के बाद विभाग द्वारा ठेकेदार भूपेश बघेल रीवा का टेंडर निरस्त कर दिया गया है। टेंडर निरस्त करने के दौरान लगभग एक करोड़ रूपए का भुगतान हो गया था।

टेंडर निरस्त कर विभाग को जल्द ही नया टेंडर जारी कर अधूरे निर्माण कार्य को पूरा करना था पर ऐसा हुआ नहीं। अब विभाग के अधिकारी बैठे रहे और यहां भवन में लगी खिड़की और दरवाजे चोरी चले गए । शेड में लगे टीन की छत और दुकानों में लगी शटर भी चोरी चलीं गईं। इस बीच किसान लगातार मांग करते रहे हैं कि उनका बहु‌द्देशीय भवन जल्द निर्माण कराया जाए। किसानों की मांग है कि बहुउद्दे शीय भवन निर्माण में लापरवाही बरतने वाले दोषी कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाए।

दरअसल, इस मामले में परेशान किसानों ने बताया कि जब सरकार किसानों के लिए बहुउद्देशीय परिसर का निर्माण करवा रही थी तो काम समय पर पूरा होना चाहिए था। लेटलतीफी के कारण शासन के रुपया का यहां बड़ा नुकसान होना सामने आया है । नलकूप खनन हुआ था वह धंसक गया एवं दीवारें टूट गई। अब तक बहुत सा सामान चोरी हो चुका है।भवन निर्माण के दौरान बिजली के तार, बोर्ड, बटन सहित अन्य सामग्री चोरी चली गई। वर्षों से रखी ईंट की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है।

उल्‍लेखनीय है कि बीच में जिला सहकारी समिति मर्यादित अनूपपुर के तत्कालीन अध्यक्ष रामनाथ पटेल द्वारा पहल करते हुये कृषि बहुउद्देशीय केन्द्र को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु पत्राचार किया गया था, ताकि जल्द किसानों को इसका लाभ मिल सके। जिसके बाद अधिकारियों ने आश्वासन देते हुये जल्द कार्य पूर्ण कराते हुये हस्तांतरित करने की प्रक्रिया करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन जब भवन व अन्य कार्य ही अधूरा है तो अब हस्तांतरित भी नहीं किया जा सकता है।

इनका कहना है

कार्यपालन यंत्री, राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड रीवा शैलेंद्र मंडलोई ने बताया कि नया टेंडर जारी करने के लिए 2020 में भोपाल को प्रस्ताव भेजा गया था। इसके बाद विभाग के अधिकारी 2022 में जांच करने भी आए थे। भोपाल से नया टेंडर जारी करने में कहां विलंब हो रहा है इस पर दो से तीन दिन में पता कर बताते हैं।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

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