Assam

पूसीरे ने असम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और आईआईटी गुवाहाटी के साथ किया एमओयू

অসমঃ এনএফআৰে অসম প্ৰদূষণ নিয়ন্ত্ৰণ ব’ৰ্ড আৰু আই আই টি গুৱাহাটীৰ সৈতে বুজাবুজি চুক্তি স্বাক্ষৰ কৰাৰ দৃশ্য

गुवाहाटी, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) ने मालीगांव स्थित पूसीरे मुख्यालय के महाप्रबंधक सम्मेलन कक्ष में दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर बीते शुक्रवार को हस्ताक्षर कर स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने शनिवार काे बताया कि पूसीरे के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी मंडल रेल प्रबंधकों और मुख्य कारखाना प्रबंधकों के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें असम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबीए), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी (आईआईटीजी) और मेसर्स कुसुम उद्योग के प्रतिनिधि भी शामिल थे।

पहले एमओयू के तहत, गुवाहाटी रेलवे स्टेशन को 100 प्रतिशत प्लास्टिक रिसाइक्लिंग केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए पूसीरे, पीसीबीए और मेसर्स कुसुम उद्योग के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ। इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए गुवाहाटी के स्टेशन अधीक्षक के नेतृत्व में एक छह-सदस्यीय कार्यबल का गठन किया गया है। इन प्रक्रियाओं में कचरा भंडारण के बुनियादी ढांचे में सुधार, खाद बनाने वाले एक संयंत्र का संचालन और नियमित यात्री जागरूकता अभियान आयोजित करना शामिल है। पीसीबीए की विशेषज्ञता और पीसीबीए-अधिकृत रिसाइक्लिंगकर्ता मेसर्स कुसुम उद्योग की परिचालनिक भूमिका के साथ, यह एक मजबूत रिसाइक्लिंग पारिस्थितिकी तंत्र पहल है, जिसका उद्देश्य जागरूकता अभियान चलाना है।

दूसरा एमओयू आईआईटी गुवाहाटी के साथ हुआ। यह एसी डिब्बों में यात्रियों के लिए वितरण किए जाने बेडरोल के मौजूदा पैकेटों को बायोडिग्रेडेबल और कम्पोस्टेबल बैगों से प्रतिस्थापित करने पर केंद्रित है। इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत कामाख्या – नई दिल्ली ब्रह्मपुत्र मेल से होगी और इसे गुवाहाटी एवं कामाख्या से खुलने वाली सभी ट्रेनों और अंततः पूरे पूसीरे नेटवर्क में लागू करने की योजना है। यह पहल सहयोगात्मक अनुसंधान को क्षेत्र स्तरीय कार्यान्वयन के साथ जोड़ती है, जिसका लक्ष्य पर्यावरण-अनुकूल, यात्री-सचेत विकल्पों की ओर बदलाव लाना है।

इस अवसर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिवहन द्वारा परिवर्तन के विजन के प्रति पूसीरे की अटूट प्रतिबद्धता परिलक्षित हुई। पर्यावरणीय स्थिरता को अपने परिचालन ढांचे में समाहित करके, पूसीरे इस क्षेत्र के लिए एक स्वच्छ और हरित रेलवे पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में अग्रणी बना हुआ है।—————–

(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

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