
गुवाहाटी, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । असम पुलिस ने अपने प्रमुख ‘शिशु मित्र कार्यक्रम’ के तहत बाल संरक्षण प्रणाली को मजबूत करने और हितधारकों के बीच समन्वय बढ़ाने के उद्देश्य से शनिवार को गुवाहाटी में राज्य स्तरीय बहु-हितधारक संवाद का आयोजन किया। इस संवाद का उद्देश्य संस्थागत जवाबदेही को सुदृढ़ करना और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा, पुनर्वास एवं न्याय सुनिश्चित करने में सभी संबंधित पक्षों की साझा जिम्मेदारी को बढ़ावा देना रहा।
2019 में शुरू किया गया शिशु मित्र कार्यक्रम, असम पुलिस, उत्साह चाइल्ड राइट्स ऑर्गनाइजेशन और यूनिसेफ का एक संयुक्त प्रयास है, जिसका उद्देश्य राज्य में बाल अनुकूल पुलिस व्यवस्था स्थापित करना है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित गौहाटी उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कौशिक गोस्वामी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “बाल संरक्षण कोई उपहार नहीं, बल्कि प्रत्येक हितधारक की संवैधानिक जिम्मेदारी है।”
असम के पुलिस महानिदेशक हरमीत सिंह ने कहा कि यह संवाद मुख्यमंत्री के बाल कल्याण दृष्टिकोण के अनुरूप है। उन्होंने कहा, “यह मंच सभी हितधारकों को एक साथ लाकर उन चुनौतियों को सुलझाने में मदद करेगा जो बच्चों की न्याय और सेवाओं तक पहुंच में बाधा उत्पन्न करती हैं।”
गृह एवं राजनीतिक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अजय तिवारी ने पुलिस थानों, न्यायालयों और सहयोगी संस्थानों में बाल संवेदनशील ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस अवसर पर श्रम कल्याण विभाग के जॉन बी. एक्का, महिला एवं बाल विकास विभाग के मुकेश चंद्र साहू, स्वास्थ्य विभाग के डॉ. पी अशोक बाबू, सीआईडी की संजुक्ता पराशर समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने तकनीकी प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम में न्यायाधीशों, अभियोजकों, कानूनी, शिक्षा एवं कल्याण विभागों के अधिकारियों ने भी भाग लिया। संवाद का संचालन एआईजी (वेलफेयर) शर्मिष्ठा बरुवा ने किया।
शिशु मित्र कार्यक्रम के संयोजक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र कुमार ने समापन भाषण में निरंतर सुधार और संस्थागत समन्वय बनाए रखने का आह्वान किया।
असम पुलिस ने घोषणा की कि भविष्य में ऐसे संवाद नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे ताकि राज्य में अधिक समावेशी और बाल अनुकूल संरक्षण प्रणाली विकसित की जा सके।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
