
-केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने पौधारोपण व शिलान्यास करके की शुरुआत
गुरुग्राम , 2 अगस्त (Udaipur Kiran) । देश की राजधानी तक का पर्यावरण सुधारने के लिए शनिवार को गुरुग्राम की धरती से मातृ वन विकसित करने की शुरुआत हुई। गुरुग्राम क्षेत्र की अरावली में 750 एकड़ क्षेत्र में मातृ वन विकसित करने के लिए केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य तथा ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल व केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसका परियोजना का शिलान्यास किया। उन्होंने यहां पौधे भी लगाए। समारोह की अध्यक्षता हरियाणा के वन, पर्यावरण एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने की।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि दुनिया भर में गुरुग्राम का नाम प्रगति के लिए लिया जाता है, लेकिन अब प्रगति के साथ पकृति से भी जुड़ाव होना चाहिए। आज इस दृढ़ संकल्प की भी आवश्यकता है कि हम न केवल पेड़ लगाएंगे, बल्कि उनकी पांच-छह वर्षों तक देखभाल भी करेंगे। उन्होंने कहा कि वन में छोटी काबुली कीकर को हटाकर बरगद, पीपल, गुल्लर, बेस पत्र, ईमली, पिलखन, नीम, बांस, फूल व औषधीय पौधे आदि लगाए जाएंगे। साथ ही मातृ वन में नक्षत्र वाटिका, राशि वाटिका, कैक्टस गार्डन व बटरफ्लाई पार्क भी विकसित होंगे। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पेड़ मां के नाम लगाने की बात कही है। धरती को हरा-भरा बनाने की इस पहल को हमें अपने संस्कारों में लाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि कार्बन उत्सर्जन पर नियंत्रण के लिए ऊर्जा क्षेत्र में भी नवाचारों का बढ़ावा दिया जा रहा है। कोयले के स्थान पर हाइड्रो, सोलर, न्यूक्लियर एनर्जी आदि विकल्पों को बढ़ावा दिया जा रहा। उन्होंने बताया कि भारत वर्ष 2047 तक अपने ऊर्जा उत्पादन में न्यूक्लियर एनर्जी में 100 गीगा बाइट के उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लेगा। तीन महीने पहले की एक रिपोर्ट में भारत में कोयले से तैयार होनी वाली बिजली 50 फीसदी से कम हो गई है, जबकि नॉन फॉसिल एनर्जी की सीमा 50 फीसद से अधिक हो गई है। उन्होंने हरियाली को प्रोत्साहन देने के लिए प्राणवायु देवता के साथ-साथ वन मित्र योजना को भी प्रभावी ढंग से आरंभ करने की बात कही।
(Udaipur Kiran)
