ऊना, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ(एचपीएसएलए) ने जिला ऊना सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जारी मूसलधार बारिश के बीच शिक्षकों को स्कूल बुलाने के आदेश पर तीखी आपत्ति जताई है। संघ के जिला अध्यक्ष शशि सैणी और महासचिव संजीव कुमार ने इस आदेश को गैरव्यावहारिक, असंवेदनशील और शिक्षकों की जान से खिलवाड़ करने जैसा करार दिया है। उनका कहना है कि जब सडक़ें बंद हों, खड्डें उफान पर हों और स्कूल परिसरों तक में पानी भर गया हो, तो केवल उपस्थिति के नाम पर शिक्षकों को बुलाना किसी भी स्तर पर उचित नहीं ठहराया जा सकता।
गौरतलब है कि शुक्रवार रात से हो रही तेज बारिश ने शनिवार सुबह जिला ऊना में जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। जगह-जगह जलभराव, संपर्क मार्गों का टूटना और ग्रामीण क्षेत्रों का मुख्य सडक़ों से कट जाना आम हो गया है। आधा दर्जन से अधिक स्कूल परिसरों में घुटनों तक पानी भर गया था और स्कूल परिसर के अंदर पहुंचना मुश्किल हो गया था जिससे शिक्षक अपनी जिंदगी खतरे में डालकर स्कूल पहुंचे। शशि सैणी ने प्रशासनिक आदेशों पर सवाल उठाते हुए कहा कि शिक्षकों को जोखिम में डालकर विद्यालय पहुंचने के लिए विवश करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि सरकार को आदेश जारी करने से पहले स्थानीय परिस्थितियों की समीक्षा करनी चाहिए थी। केवल आदेश जारी कर देना समाधान नहीं है, बल्कि शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर भी ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। एचपीएसएलए के महासचिव संजीव कुमार ने भी प्रशासन से मांग की कि भविष्य में इस प्रकार के निर्णय लेते समय ज़मीनी हकीकत, भौगोलिक स्थिति क्षेत्रीय मौसम और परिवहन साधनों की स्थिति का आंकलन किया जाए, क्योंकि जिला ऊना का अधिकतर क्षेत्र स्वाँ नदी के किनारे पड़ता है जो बरसात में उफान पर रहती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल सरकारी कर्मचारी नहीं, बल्कि समाज के मार्गदर्शक हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
संघ ने स्पष्ट रूप से प्रशासन से यह मांग रखी है कि आपदा जैसी स्थिति में स्कूलों को बंद रखने के निर्णय शीघ्र और मानवीय दृष्टिकोण से लिए जाएं ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके। साथ ही यदि उपस्थिति अनिवार्य भी हो तो शिक्षकों के सुरक्षित आवागमन की जिम्मेदारी भी प्रशासन की हो।
—————
(Udaipur Kiran) / विकास कौंडल
