
झज्जर, 2 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारी बरसात के चलते छुड़ानी गांव के खेतों का डहरी इलाका इस साल फिर संकट में आ गया है। सैंकड़ों एकड़ धान की फसल में काफी पानी भर गया है। किसान शासन- प्रशासन से पानी निकासी की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था किसान को डुबोने पर अमादा हो गई है।
दरअसल, करोड़ों रुपये की लागत से और किसानों के प्रयास से सरकार ने गांव छुड़ानी के खेतों से पानी निकासी के लिए पंपिंग स्टेशन बनाया। चौबीसों घंटे आपूर्ति के लिए बिजली का कनेक्शन भी लिया। भारी भरकम जरनेटर भी लगाया गया। बिजली की बड़ी-बड़ी मोटर लिंक ड्रेन के पानी को पंप कर केसीबी ड्रेन में डालने के लिए लगाई गई। मातन लिंक ड्रेन के दोनों तरफ खेतों में भरने वाले पानी की निकासी के लिए भी अलग से मोटर लगाई गई हैं। लेकिन सिंचाई विभाग के सिविल विभाग की लापरवाही के कारण अब सब व्यर्थ होने जा रहा है। जिस केसीबी ड्रेन में मातन लिंक ड्रेन और खेतों का पानी डालने के लिए पंपिंग स्टेशन बनाया गया है, उसकी मोटरों को बंद करवा दिया जा रहा है।
गांव के सरपंच विनोद और किसानों ने बताया कि वक्त बेवक्त ड्रेन के दोनों तरफ निकासी के लिए लगाई गई मोटरों को बंद कर दिया जाता है। पंप हाउस में लगे कर्मचारी सहयोग नहीं करते, जिस कारण खेतों की फसल डूब रही है। दरअसल केसीबी ड्रेन में पानी का स्तर काफी बढ गया है, और केसीबी के किनारों को टूटने से बचाने के लिए खेतों से पानी निकासी की मोटरों को बंद करवा दिया जाता है। सरपंच ने कहा कि अब किसान की फसल डूबे तो डूबे, प्रशासन को क्या। सिंचाई विभाग ने अगर केसीबी ड्रेन की सफाई समय रहते सही से करवाई होती।
किसानों ने इस संबंध में जिला उपायुक्त से मिलने की बात भी की है। किसानों का कहना है कि सिंचाई विभाग ड्रेन की सफाई में भ्रष्टाचार करता है। ड्रेन की सफाई सही नहीं करवाई गई जिसके कारण केसीबी के बहाव में रुकावट आती है। इसलिए सिंचाई विभाग के संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और किसानों की फसल बचाने के लिए 24 घंटे मोटर चलाने की व्यवस्था करनी चाहिए। वहीं सिंचाई विभाग की मैकेनिकल डिविजन के एसडीओ धीरज ने बताया कि मातन लिंक ड्रेन के दोनों तरफ खेतों से पानी निकासी के लिए लगाई गई चारों मोटरों को चला दिया गया है और 24 घंटे ये मोटरें चलती रहेंगी। उन्होंने कहा कि निकासी की व्यवस्था सही और सुचारू की गई है।
(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज
