
कोलकाता, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) ।
विधानसभा चुनाव से पहले लोगों से सीधा जुड़ाव बनाने और स्थानीय समस्याओं को सुलझाने के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार से एक व्यापक संपर्क अभियान शुरू किया है। ‘आमदेर पाड़ा, आमदेर समाधान’ (हमारा मुहल्ला, हमारा समाधान) अभियान पर ममता सरकार कुल आठ हजार करोड़ खर्च करने जा रही है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस योजना की घोषणा 22 जुलाई को की थी। उन्होंने कहा था, “हम हर बूथ के लिए ₹10 लाख की स्वीकृति दे रहे हैं। यह कार्यक्रम दो अगस्त से शुरू हो रहा है।”
इस अभियान के तहत जिलों में सड़क सुधार, स्ट्रीट लाइट लगाने, पानी की आपूर्ति जैसी स्थानीय समस्याओं को प्राथमिकता दी जाएगी। हर जिले में एक टास्क फोर्स बनाई गई है जिसकी निगरानी राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत की अगुवाई में होगी। शनिवार से ही कई कैंपों ने काम करना शुरू कर दिया है।
राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, यह कैंप दो महीने तक चलेंगे। इसके बाद 30 दिनों तक प्रशासनिक मूल्यांकन किया जाएगा और फिर अगले तीन महीनों में लोगों द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
कोलकाता नगर निगम क्षेत्र में हर दो बूथ पर एक कैंप स्थापित किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने पाया कि कई इलाकों में ऐसी समस्याएं हैं जो बहुत स्थानीय हैं, लेकिन उनका समाधान जरूरी है। इस पहल के माध्यम से सभी संबंधित एजेंसियों को एक मंच पर लाकर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।”
सरकारी विज्ञापन के अनुसार, नागरिक apas.wb.gov.in पोर्टल पर जाकर अपने बूथ की योजना, बजट का इस्तेमाल और प्रगति की जानकारी देख सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा था कि अधिकारी हर इलाके में मौजूद रहेंगे, लोगों की शिकायतें सुनेंगे और समाधान की प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
सरकार का दावा है कि यह पहल भारत में अपनी तरह की पहली योजना है, जो आत्मनिर्भर बंगाल की कल्पना को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह न केवल सेवा वितरण पर केंद्रित है, बल्कि संवाद, पारदर्शिता और सहयोग के मूल्यों को भी बढ़ावा देती है।
सरकार के अनुसार, “यह पहल भारतीय इतिहास में अभूतपूर्व है और यह दर्शाती है कि राज्य सरकार नीति निर्माण के केंद्र में जनता को रखने के लिए प्रतिबद्ध है।”
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
