Uttar Pradesh

यमुना और बेतवा की उफान से हमीरपुर शहर में कई मुहल्ले जलमग्न

यमुना और बेतवा की उफान से हमीरपुर शहर में कई मुहल्ले जलमग्न
यमुना और बेतवा की उफान से हमीरपुर शहर में कई मुहल्ले जलमग्न
यमुना और बेतवा की उफान से हमीरपुर शहर में कई मुहल्ले जलमग्न

–बाढ़ का पानी घुसने से हजारों लोगों ने घर छोड़ राहत कैम्प में डेरा जमाया

हमीरपुर, 01 अगस्त (हि.सं.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में यमुना और बेतवा नदियों की उफान से अब यहां हाहाकार मच गया है। शहर के अंदर ही कई मुहल्ले बाढ़ के पानी से जलमग्न हो जाने पर नावें चलाई जा रही है वहीं दर्जनों गांव और डेरे भी खाली हो गए हैं। अभी तक पांच हजार से अधिक बाढ़ पीड़ितों ने प्रशासन के राहत कैम्पों में डेरा जमाया है। यमुना नदी खतरे के निशान से करीब चार मीटर ऊपर बह रही है। वहीं बेतवा नदी भी लाल निशान से दो मीटर से ज्य़ादा पार कर गई है।

लगातार माताटीला डैम, लहचुरा व कोटा बैराज के गेट खोले जाने से अब हमीरपुर में यमुना और बेतवा नदी उफना गई है। इस समय यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से चार मीटर पार करने से हालात बदतर होते जा रहे है। बेतवा नदी भी लाल निशान से ढाई मीटर क्रास कर गई है। दोनों नदियों के उफनाने से डिग्गी, मेरापुर, भोला का डेरा, चदुंलीतीर, कलौलीतीर, शंकरीपीपल, अमिरता, सिड़रा, सुरौली कछार समेत दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। जिससे हजारों ग्रामीणों ने गृहस्थी का सामान समेट कर प्रशासन के राहत कैम्पों में डेरा डाला है। जबकि तमाम डेरे और मजरे बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। वहां बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए डीएम घनश्याम मीना ने राहत सामग्री लेखपालों के जरिए भिजवाई है। इधर बेतवा पुल पार राठ रोड पर बाढ़ के पानी से दर्जनों घर जलमग्न होने से सैकड़ों लोग स्टेट हाइवे किनारे डेरा डाले हैं।

हमीरपुर शहर के पुराना जमुना घाट मोंहाल में सैकड़ों की संख्या में रिहायशी मकानों में बाढ़ का पानी घुस जाने लोगों ने गृहस्थी समेट कर ऊंचाई वाले स्थानों पर शरण ली है। जबकि नई बस्ती गौरादेवी व खालेपुरा मोहाल में भी बाढ़ के पानी से सैकड़ों मकान जलमग्न हो गए है। यहां नावें चलाई जा रही है जिसके जरिए लोग पीड़ितों की मदद कर रहे है। बाढ़ का पानी सड़क और रपटे के ऊपर बहने से सुमेरपुर और मौदहा क्षेत्र के दर्जनों गांवों का संपर्क भी मुख्यालय से कट गया है। एडीएम फाइनेंस विजय शंकर तिवारी ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए कुछेछा स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय व महर्षि विद्यालय में राहत कैम्प बनाया गया है जहां पांच हजार बाढ़ पीड़ितों के खाने पीने और रहने के इंतजाम किए गए है। बाढ़ पीड़ितों के मवेशियों के लिए भी चारा भूसा का इंतजाम किया गया है। बाढ़ पीड़ितों के तमाम बच्चों को आज डीएम ने मिठाई बांटी। राहत कैम्पों में एडीएम फाइनेंस समेत तमाम अफसरों ने अपने हाथों से पीड़ितों को भोजन परोसा।

–डिग्री कालेज व सरकारी दफ्तर में भी भरा बाढड का पानीयमुना और बेतवा नदियों की बाढ़ से शहर के नई बस्ती गौरा देवी मोहाल में संचालित गौरादेवी डिग्री कालेज बाढ़ के पानी में डूब गया है। यहां भी बड़ी संख्या में मकान जलमग्न हो गए हैं। इधर शहर के डिग्री मोहाल स्थित एक इंटरकालेज व लघु सिंचाई विभाग में भी बाढ़ का पानी भर गया है। दोनों नदियों की उफान से शहर से लेकर गांवों तक तबाही मची है।

–जलशक्ति राज्यमंत्री ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का नाव से किया दौराशुक्रवार को दोपहर जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने डीएम व एडीएम के साथ बाढ़ग्रस्त हमीरपुर शहर और आसपास के गांव व डेरों का दौरा किया। बाढ़ के पानी में घिरे तमाम डेरों मे राज्यमंत्री नाव में सवार हो कर पीड़ितों के पास पहुंचे। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटने के बाद भरोसा दिलाया कि संकट की इस घड़ी में सरकार हर संभव मदद करेगी।

–यमुना और बेतवा नदियों का लगातार तेजी से बढ़ रहा जलस्तरमौदहा बांध निर्माण खंड के सहायक अभियंता सर्वजीत वर्मा ने बताया कि यमुना और बेतवा नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार शाम यमुना नदी का जलस्तर 107.190 मीटर व बेतवा नदी का जलस्तर 106.710 मीटर पार कर गया है। बता दे कि यमुना नदी का खतरे का निशान 103.63 मीटर है जबिक बेतवा नदी का खतरे का निशान 104.54 मीटर है।

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(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा

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