HEADLINES

(राउंड अप) हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से दो नेशनल हाईवे समेत 283 सड़कें बंद, लाहौल स्पीति में फ्लैश फ्लड

शिमला में वर्षा

शिमला, 1 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून की तेज रफ्तार से लगातार बारिश और भूस्खलन का सिलसिला जारी है। लाहौल स्पिति जिला के जिस्पा के पास ग्रेफ कैंप के नजदीक फ्लैश फ्लड की घटना सामने आई। इससे केलांग-दारचा-सारचू-लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई। इस घटना से इलाके में दहशत का माहौल है, हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सड़क बहाली के कार्य में जुट गया है।

इधर, मौसम विभाग ने प्रदेश में आगामी 5 अगस्त तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 2 अगस्त को मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में भारी वर्षा का अलर्ट रहेगा। 3 अगस्त को चंबा, कांगड़ा और सिरमौर में भारी बारिश की चेतावनी है। 4 अगस्त को मॉनसून की गति और बढ़ेगी, जब लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर शेष 10 जिलों में येलो अलर्ट रहेगा। 5 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर जिलों के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है। 6 और 7 अगस्त को भी बारिश के आसार हैं, लेकिन इन दिनों कोई विशेष चेतावनी नहीं दी गई है।

बीते 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश चंबा जिले के चुवाड़ी में 120 मिलीमीटर दर्ज की गई। इसके अलावा कुल्लू के मनाली में 60, बंजार में 50, बिलासपुर के भराड़ी में 50, कुल्लू के कोठी, चंबा के सलूणी और बिलासपुर के नैना देवी में 40-40 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। राजधानी शिमला में भी सुबह से दोपहर तक बारिश होती रही।

लगातार बारिश और भूस्खलन की वजह से पूरे प्रदेश में 2 राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल 283 सड़कें बंद हो गई हैं। मंडी और लाहौल स्पीति में एक-एक नेशनल हाईवे ठप हो गया है। इसके अलावा 314 बिजली ट्रांसफार्मर और 221 पेयजल योजनाएं भी ठप हो गई हैं, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। चंबा जिले में भारी बारिश के चलते शुक्रवार को जिला प्रशासन ने सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश जारी किए।

मौसम की मार सबसे ज्यादा मंडी, कुल्लू और चंबा जिलों में पड़ी है। मंडी में पंडोह डैम के पास चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर भारी भूस्खलन हुआ, जिससे सड़क पूरी तरह बंद हो गई है। मंडी की पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा ने बताया कि सड़क से मलबा हटाने का काम तेज़ी से जारी है ताकि यातायात बहाल हो सके।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार मंडी जिले में 174 सड़कें, एक नेशनल हाईवे, 32 ट्रांसफार्मर और 58 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी हैं। कुल्लू में 67 सड़कें और 101 ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं। चंबा में 21 सड़कें, 171 ट्रांसफार्मर और 93 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। कांगड़ा जिले में भी 60 पेयजल योजनाओं पर असर पड़ा है।

मौजूदा मानसून सीजन में 20 जून से अब तक प्रदेश में बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से 176 लोगों की मौत हो चुकी है, 281 लोग घायल हुए हैं और 36 लोग अभी भी लापता हैं। अकेले मंडी में सबसे ज्यादा 35 मौतें हुई हैं, कांगड़ा में 28, कुल्लू में 18, चंबा में 17, शिमला में 15, सोलन में 12, हमीरपुर, किन्नौर और ऊना में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है।

अब तक बादल फटने की 28, फ्लैश फ्लड की 47 और भूस्खलन की 42 घटनाएं हो चुकी हैं। भारी बारिश से 1526 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें 443 पूरी तरह ढह गए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ है, जहां 1073 घर प्रभावित हुए, जिनमें 386 पूरी तरह तबाह हो गए।

प्रदेश को मानसून से अब तक 1678 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। इसमें सबसे ज्यादा क्षति लोक निर्माण विभाग को 865 करोड़ रुपये और जल शक्ति विभाग को 567 करोड़ रुपये की हुई है।

—————

(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

Most Popular

To Top