
नई दिल्ली, 1 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कश्मीरी गेट स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग परिसर से ‘दिल्ली को कूड़े से आजादी’ अभियान की शुरुआत करते हुए कार्यालय की जर्जर स्थिति पर गहरी नाराजगी जताई और कहा कि यहां की हालत देखकर वह बेहद व्यथित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है जब दिल्ली के सभी विभागों के लिए एक नया, सुव्यवस्थित और एकीकृत सचिवालय बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सोचकर आश्चर्य होता है कि जिन अधिकारियों पर दिल्ली की सुशासन व्यवस्था की जिम्मेदारी है, वे खुद इतनी बदहाल स्थिति में कैसे प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं ? उन्होंने कहा कि कार्यालय की छतों से पानी टपक रहा है, फर्नीचर जर्जर है, अलमारियां टूटी हुई हैं और पंखे किसी भी समय गिर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता जताई कि जिस बिल्डिंग में 2021 में आग लग चुकी है, वहां आज तक पूरी तरह मरम्मत तक नहीं हुई। उन्होंने कहा कि क्या हम अपने अधिकारियों को जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर कर रहे हैं? मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो खुद को ‘पढ़ी-लिखी सरकार’ कहते थे, वे अपने लिए आलीशान भवन बनाने में लगे रहे। लेकिन अधिकारियों के कामकाज के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा सके।
मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि अपने कार्यालय पर 70 करोड़ रुपये खर्च करने वालों ने इन विभागों पर दो-चार करोड़ रुपये भी नहीं लगाए। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब दिल्ली के सभी विभागों के लिए एक नया, सुव्यवस्थित और एकीकृत सचिवालय बनाया जाए। हम आज से ही इस दिशा में कदम उठाएंगे, उपयुक्त स्थान की पहचान की जाएगी जहां नया दिल्ली सचिवालय स्थापित हो सके और सभी विभाग एक ही छत के नीचे कार्य कर सकें। मुख्यमंत्री के अनुसार हम अपने अधिकारियों को अब इस तरह की दयनीय परिस्थितियों में काम करने के लिए नहीं छोड़ सकते।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
