
अमरावती, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । राज्य के आईटी और उद्योग मंत्री नारा लोकेश ने कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सिंगापुर यात्रा सफल रही और पांच वर्षों में 45,000 करोड़ रुपये के निवेश समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
मंत्री ने गुरुवार शाम सचिवालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि वे समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं बल्कि उन्हें सीधे लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्सेलर मित्तल को ज़ूम कॉल के ज़रिए निवेश के लिए आमंत्रित किया गया है। आर्सेलर मित्तल लक्ज़मबर्ग स्थित एक बहुराष्ट्रीय इस्पात निर्माण कंपनी है। यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कंपनी है।
लोकेश ने खुलासा किया कि देश का सबसे बड़ा स्टील प्लांट और डेटा सेंटर आंध्र प्रदेश में स्थापित होने जा रहा है।
लोकेश का आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने 2019 से 2024 के बीच आंध्र प्रदेश ब्रांड को बर्बाद कर दिया। चंद्रबाबू की सरकार 2014 में राज्य के पुनर्गठन के बाद सिंगापुर ने अमरावती के संयुक्त विकास के लिए हर कदम उठाए और राजधानी के निर्माण के लिए समझौता भी किया था लेकिन पिछली सरकार ने बिना सोचे समझे अलग नीति अपनाकर किसी के भी बात सुने बिना समझौते रद्द कर दिए।
मंत्री लोकेश ने कहा कि पारदर्शिता के मामले में विश्व में सिंगापुर सबसे आगे है। ऐसे देश को जगन ने भ्रष्ट करार दिया था। जगन की सरकार ने अमरराजा बैटरीज और लुलु समेत कई कंपनियों को भगा दिया। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु है। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई है और आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू हैं जो नई राजधानी अमरावती के लिए पूरा जुड़ गए हैं। हमने वर्तमान में विशाखापत्तनम को आईटी के नक्शे पर लाने का फैसला किया है। इससे राज्य का विकास दस गुना होने की अपेक्षा है।
लोकेश ने कहा कि हमने टीसीएस को 99 रुपये प्रति एकड़ की दर से ज़मीन आवंटित की, जो किसी भी राज्य ने नहीं दी। वाईएसआरसीपी के नेता इस मामले को लेकर अदालत गए। इससे राज्य के युवा को नौकरियां आएंगी। इसमें क्या ग़लत है? हमारी सरकार ने 14 महीनों में जो निवेश किया है, वह वाईएसआरसीपी द्वारा किए गए निवेश से ज़्यादा है।
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(Udaipur Kiran) / नागराज राव
