


गोरखपुर, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । कथा सम्राट व कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद के 145वीं जयंती के उपलक्ष्य में नाट्य संस्था रंगाश्रम गोरखपुर ने बेतियाहाता स्थित मुंशी प्रेमचंद पार्क में प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी ‘सवा सेर गेहूं’ का नाट्य मंचन किया। जिसमें यह दिखाने की कोशिश की गई की सामंतवादी विचारधारा के लोग कैसे गरीब व्यक्ति को छलते हैं। ब्याज के नाम पर आजीवन गुलामी करवाते हैं। उसके मर जाने पर कर्जा भरवाने के लिए उसके बच्चे को गुलामी के जंजीरों में बांधने की कोशिश करते हैं। नाटक का निर्देशन शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी के.सी. सेन ‘दादा’ ने किया ।
यह कहानी इस दौर में भी प्रासंगिक साबित हो रही है। बहुत सारे लोग जो किन्ही कारणवश कर्ज लेते हैं और उस कर्ज के दलदल में इतना फंसते जाते हैं की अपना जमीन जायदाद सब कुछ बेच करके भी उस कर्ज से निवृत नहीं हो पाते हैं और अंततः मौत को गले लगा लेते हैं । नाटक में शंकर की भूमिका में प्रदीप सहनी, पत्नी पानमती शर्मा, लड़का धर्मेंद्र भारती, मंगल मुकेश विद्यार्थी, ब्राह्मण अजय यादव, विप्र महाराज मनोज वर्मा व अन्य रज्जब अंसारी ने अपनी अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया । इस दौरान रचना धूलिया, आशीष धूलिया, समीर अली, बाली सिंह, ख्वाजा अजहरुद्दीन आदि लोग उपस्थित रहे ।
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
