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गार्डन रीच शिपबिल्डर्स ने नौसेना को सौंपा युद्धपोत ‘हिमगिरि’

जीआरएसई

कोलकाता, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने भारतीय नौसेना को अत्याधुनिक निर्देशित प्रक्षेपास्त्र फ्रिगेट ‘हिमगिरि’ सौंप कर स्वदेशी युद्धपोत निर्माण के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया है। यह युद्धपोत प्रोजेक्ट 17ए के तहत जीआरएसई द्वारा निर्मित तीन फ्रिगेट्स में से पहला है और कुल मिलाकर कंपनी द्वारा निर्मित 801वां पोत है।

रक्षा मंत्रालय के पूर्वी कमान मुख्यालय की ओर से गुरुवार को जारी बयान में बताया गया है कि इस युद्धपोत को पूर्वी नौसेना कमान के तकनीकी प्रमुख रियर एडमिरल रवनीश सेठ ने नौसेना की ओर से स्वीकार किया। 149 मीटर लंबा और छह हजार 670 टन वजनी यह पोत अब तक जीआरएसई द्वारा बनाए गए सभी युद्धपोतों में सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से सबसे उन्नत है।

अत्याधुनिक क्षमताओं से लैस ‘हिमगिरि’

‘हिमगिरि’ में ब्रह्मोस एंटी-शिप और लैंड-अटैक क्रूज मिसाइलों के साथ-साथ बराक 8 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल भी तैनात हैं, जिससे यह पोत समुद्री हमला और बचाव दोनों क्षमताओं में बड़ा बदलाव लेकर आया है। जहाज को डीजल इंजन और गैस टर्बाइन के संयोजन से शक्ति मिलती है। इसमें अत्याधुनिक एईएसए रडार तथा अत्याधुनिक युद्ध प्रणालियां लगी हुई हैं। यह पोत वायु, सतह और पनडुब्बी युद्ध संचालन में सक्षम है और इसमें 225 कर्मियों के लिए आरामदायक आवास की व्यवस्था है। साथ ही हेलिकॉप्टर संचालन की पूर्ण सुविधा भी उपलब्ध है।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

‘हिमगिरि’ का निर्माण ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत हुआ है, जिसमें उच्च स्तर की स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। तीन फ्रिगेट्स की कुल लागत 21 हजार 833.36 करोड़ रुपये है, जिसका बड़ा हिस्सा देश के एमएसएमई, स्टार्टअप और मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को मिला है। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़े हैं, बल्कि भारतीय जहाज निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को भी बल मिला है।

उल्लेखनीय है कि अब तक जीआरएसई ने 112 युद्धपोतों समेत 800 से अधिक पोतों का निर्माण और आपूर्ति की है, जो किसी भी भारतीय शिपयार्ड के लिए एक रिकॉर्ड है। वर्तमान में कंपनी भारतीय नौसेना के लिए चार वर्गों में 15 युद्धपोतों पर कार्य कर रही है, जिनमें से ‘अंद्रोत’ और ‘इक्षाक’ समुद्री परीक्षण पूरा कर चुके हैं और जल्द ही सौंपे जाएंगे। इसके अलावा, कंपनी को पांच ‘नेक्स्ट जेनरेशन कॉर्वेट्स’ के निर्माण के लिए सबसे कम बोलीदाता घोषित किया गया है।

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(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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