
अमेठी, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । बुधवार को लोकसभा में शून्य काल के दौरान अमेठी सांसद किशोरी लाल शर्मा ने अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी से जुड़े एक अत्यंत आवश्यक मुद्दे को सदन के सम्मुख रखा। जिसमें अमेठी स्थित एफएम रेडियो स्टेशन की ट्रांसमिशन क्षमता में वृद्धि एवं स्थायी स्टूडियो की स्थापना का कार्य कराए जाने हेतु सरकार के सम्मुख प्रस्ताव रखा ।
इस बात की जानकारी देते हुए कांग्रेस पार्टी के नेता अनुपम पांडेय ने बताया कि अमेठी सांसद किशोरी लाल शर्मा ने सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया कि अमेठी जैसे बड़े और जनसंचार की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में आज भी एक पूर्ण और प्रभावी एफएम ट्रांसमिशन स्टेशन की भारी कमी है। यह न केवल ग्रामीणों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाने में बाधा बनता है, बल्कि युवाओं, किसानों, महिलाओं और विद्यार्थियों के सशक्तिकरण में भी बाधक है। 19 फरवरी 2014 को तत्कालीन सांसद राहुल गांधी द्वारा अमेठी जनपद की ग्राम सभा सराय हृदयशाह, ब्लॉक गौरीगंज में 5 किलोवाट एफएम स्टेशन की आधारशिला रखी गई थी। जिसे आरम्भ में टीवी टावर परिसर से अस्थायी रूप से संचालित किया गया। वर्ष 2018 में टॉवर बंद होने के उपरांत इस स्टेशन को नगर पालिका-गौरीगंज के अंतर्गत कटरालालगंज, जल निगम कार्यालय के समीप स्थित लगभग 5000 वर्ग मीटर भूमि पर स्थापित किया गया।, जहां करीब 5000 वर्ग मीटर ज़मीन पर अस्थायी रूप से इसका संचालन हो रहा है।वर्तमान में यह स्टेशन केवल एक प्रसारण रिले केंद्र के रूप में कार्यरत है, जिसमें 103.10 मेगाहर्ट्ज़ फ्रीक्वेंसी पर प्रसारण होता है और यह लगभग 40 किलोमीटर की परिधि में क्षेत्र को ही कवर करता है।
इस स्टेशन की ट्रांसमिशन क्षमता अत्यंत सीमित है। स्थानीय कार्यक्रमों के प्रसारण की कोई स्वतंत्र सुविधा नहीं है, जिससे क्षेत्रीय प्रतिभाओं और युवाओं की आवाज़ सामने नहीं आ पा रही।प्रस्तावित योजना के अनुसार, यदि इसे 20 किलोवाट की क्षमता के साथ स्थायी स्टेशन के रूप में विकसित किया जाए, तो इसकी पहुंच 100-120 किलोमीटर तक हो सकती है, जो अमेठी ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों को भी कवर करेगी। इसके साथ ही यदि यहां स्टूडियो की स्थापना की जाती है, तो न केवल स्थानीय समाचार, सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रम प्रसारित हो सकेंगे, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार और रचनात्मक अवसर भी प्राप्त होंगे। सरकार से स्पष्ट मांग की है कि गौरीगंज एफएम स्टेशन की ट्रांसमिशन क्षमता 5 किलोवाट से बढ़ाकर कम-से-कम 20 किलोवाट की जाए, इसको स्थायी स्टूडियो के रूप में शीघ्र स्थापित किया जाए और इसे एक समग्र जन-जागरूकता केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।
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(Udaipur Kiran) / लोकेश त्रिपाठी
