
नैनीताल, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । उच्च न्यायालय ने लक्सर हरिद्वार में स्थित सूर्या स्टोन क्रशर पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पर्यावरण को हुई क्षति के एवज में उसपर लगाए गए 23 लाख का जुर्माना माफ करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य पर्यावरण के जुर्माने के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने पीसीबी से कहा है कि वे फिर से स्टोन क्रशर की जांच नियमों के तहत कर सकते हैं। कोर्ट ने याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि अगर नियमों का उल्लंघन हुआ है तो जुर्माना लगा सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार सूर्या स्टोन क्रशर के मालिक ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि राज्य प्रदूषण बोर्ड की ओर से बिना उन्हें नोटिस दिए बिना सुनवाई किए उनपर 23 लाख का जुर्माना लगा दिया है जो नियमों के विपरीत है। बोर्ड ने अपने आदेश में कहा कि स्टोन क्रशर के द्वारा पर्यावरण को क्षति पहुंचाई गई है। याचिका में यह भी कहा कि स्टोन क्रशर का कार्य क्रश करना है ना कि अवैध खनन। उनके स्टोन क्रशर में क्षमता के अनुरूप ही भंडारण किया है। पीसीबी द्वारा जुर्माना लगाने से पहले स्टोन क्रेशर की जांच नहीं की सीधे एनजीटी को रिपोर्ट पेश कर दी। एनजीटी ने फिर से रिपोर्ट पेश करने को कहा था लेकिन पीसीबी ने सीधे जुर्माना लगा दिया। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि पीसीबी के आदेश पर रोक लगाई जाए।
—————
(Udaipur Kiran) / लता
